जिले के शिक्षा तंत्र में फिर से जान फूंकने वाली एक बड़ी पहल को सरकार ने मंजूरी दे दी है।
मधुसूदन शर्मा
राजसमंद. जिले के शिक्षा तंत्र में फिर से जान फूंकने वाली एक बड़ी पहल को सरकार ने मंजूरी दे दी है। हाल में आई अतिवृष्टि और बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त हुए विद्यालय भवनों के पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्यों के लिए राजस्थान सरकार ने 16 करोड़ 16 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। यह स्वीकृति आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग, जयपुर की वित्तीय स्वीकृति के अनुक्रम में जिला कलक्टर राजसमंद द्वारा जारी की गई है। इसका उद्देश्य बाढ़ से प्रभावित स्कूलों को जल्द से जल्द पुनः शिक्षण योग्य बनाना है ताकि विद्यार्थी सुरक्षित और सुगम वातावरण में अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
स्वीकृति आदेश के अनुसार, जिले के पांच उपखंडों/ब्लॉकों में कुल 808 विद्यालय भवनों की मरम्मत की जाएगी। प्रत्येक भवन के लिए 2 लाख रुपये की एकमुश्त राशि स्वीकृत की गई है, जो एसडीआरएफ मानकों के अनुरूप है।
नीचे तहसीलवार विद्यालय मरम्मत कार्यक्रम का सारांश तालिका रूप में दिया गया है। कुल स्वीकृत राशि: ₹16,16,00,000 (16.16 करोड़) / 1616 लाख।
| तहसील / ब्लॉक | प्रभावित विद्यालयों की संख्या | कुल स्वीकृत राशि (लाख ₹ में) | कुल स्वीकृत राशि (₹) |
|---|---|---|---|
| कुम्भलगढ़ | 296 | 592 | ₹59,200,000 |
| राजसमंद | 228 | 456 | ₹45,600,000 |
| देवगढ़ | 112 | 224 | ₹22,400,000 |
| भीम | 93 | 186 | ₹18,600,000 |
| आमेट | 79 | 158 | ₹15,800,000 |
| कुल | 808 | 1616 | ₹161,600,000 |
स्वीकृति आदेश में यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी कार्य नियमबद्ध, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाएं।
मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं:-
बाढ़ और अतिवृष्टि से जिले के कई विद्यालय भवनों को गम्भीर क्षति पहुँची थी। दीवारें गिर गईं, छतें टपकने लगीं और कई स्कूल अस्थायी रूप से बंद करने पड़े। अब यह 16.16 करोड़ रुपये की राशि न केवल भवनों को फिर से खड़ा करेगी, बल्कि बच्चों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और प्रेरणादायक शैक्षणिक वातावरण तैयार करेगी। समग्र शिक्षा विभाग का कहना है कि कार्यों का क्रियान्वयन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। जिन विद्यालयों में कक्षाएं बाधित हैं, वहां मरम्मत का कार्य पहले चरण में पूरा किया जाएगा।
राज्य सरकार ने इस पहल को “आपदा में अवसर” की नीति से जोड़ा है। अधिकारियों का मानना है कि इन कार्यों से स्कूल न सिर्फ पहले जैसे बनेंगे, बल्कि कई जगह बेहतर ढांचे और आधुनिक सुविधाओं के साथ फिर से स्थापित होंगे। इससे ग्रामीण अंचलों में शिक्षा का ढांचा मजबूत होगा और हजारों बच्चों को सुरक्षित कक्षाएं, बेहतर भवन और प्रेरक सीखने का माहौल मिलेगा।
जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे निर्माण कार्यों की स्थानीय निगरानी में सहयोग करें, ताकि गुणवत्ता और पारदर्शिता बनी रहे। प्रशासन का लक्ष्य है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से पहले सभी स्कूल पुनः संचालित हो सकें।