जिला मुख्यालय पर बनी जिला कारागृह को शिफ्ट किया जाना है। इसके लिए करीब 28 साल पहले जमीन आवंटित की गई थी। इसके बाद से वह विरान पड़ी है। गत बजट में शिफ्टिंग की घोषणा पर अब जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
राजसमंद. शहर के बीचों-बीच बनी जेलों को बाहर शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए फिर से कवायद शुरू हुई है। अब जो जेलों का निर्माण होगा वह आगामी 50 वर्ष की जरूरतों के अनुसार होगा। इसके तहत राजसमंद जिला कारागृह को शिफ्ट किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए जमीन पहले ही आवंटित हो चुकी है। जिला मुख्यालय पर शहर के बीचों-बीच राजसमंद जिला कारागृह बनी हुई है। इसे आबादी क्षेत्र से बाहर करने के लिए काफी समय से कवायद की जा रही है। जानकारों के अनुसार 1997 में एस.आर.के राजकीय महाविद्यालय के पीछे 30 बीघा जमीन आवंटित की गई। उक्त स्थान पर जमीन के स्वामित्व का भी बोर्ड भी लगा हुआ है। इसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। गत दिनों राजस्थान सरकार के बजट के दौरान गृह विभाग की ओर से प्रदेश की कुछ जेल जो आबादी क्षेत्र में है उन्हें बाहर शिफ्ट करने की बात कही गई थी। इसमें राजसमंद जेल का भी नाम है। ऐेसे में उक्त जेल को शिफ्ट करने की फिर से उम्मीद जगी है। इसमें मुख्य बात यह है कि अब जो जेलों का निर्माण होगा उसे आगामी 50 वर्षो को ध्यान में रखकर किया जाएगा। ऐसे में इसके लिए 13 बीघा जमीन आवंटन की प्रक्रिया भी जारी है। इसके पूर्ण होने पर और सरकार की ओर से बजट जारी होने पर जेल का निर्माण प्रारंभ होगा। इसके बाद जेल को शिफ्ट आदि किया जाएगा।
जेल में बंदियों के लिए पुरस्कालय, योगाभ्यास के लिए हॉल, गार्डन और ओपन जेल आदि सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं स्टॉफ के लिए अत्याधुनिक क्वार्टर, पार्क सहित कई सुविधाओं का निर्माण प्रस्तावित है। इससे बंदियों एवं स्टॉफ में भी सकारात्मक विचारों के विकास के साथ मानिसक तनाव भी कम होगा।
राजसमंद जिला कारागृह की क्षमता 55 बंदियों की है, लेकिन यहां पर क्षमता से दो से तीन गुना बंदी बंद रहते हैं। इसके कारण उन्हें पर्याप्त जगह और अन्य सुविधाएं भी नहीें मिल पाती है। वर्तमान में 119 विचाराधीन बंदी जेल में बंद है। क्षमता के अनुसार स्टाफ भी कम मिलता है। ऐसे में अब 750 बंदियों की क्षमता की जेल बनाए जाने का प्रस्ताव बनाकर पहले ही मुख्यालय भेजा जा चुका है।
जिला कारागृह के लिए कई वर्षो पहले जमीन आवंटित की गई, अब वहां पर भी आबादी बसने लग गई है। एसआरके कॉलेज के पीछे जमीन आवंटित की गई है। इसके सामने ही पुलिस लाइन बनी हुई है। वहीं आवंटित जमीन के कुछ कदमों की दूरी पर मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत एक हजार से अधिक फ्लेट बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में 150 से अधिक परिवार वहां पर रहने लगे हैं। उक्त योजना के पास ही जमीन पर प्लॉटिंग की गई है। ऐसे में आगामी कुछ वर्षो में वहां पर भी आबादी बसने की उम्मीद है।
जिला कारागृह को पुलिस लाइन के पीछे आवंटित जमीन में शिफ्ट किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए 30 बीघा जमीन आवंटित पहले हो चुकी है, 13 बीघा आवंटन की प्रक्रिया जारी है। जेल का 50 वर्षो के मद्देनजर 750 बंदियों की क्षमता के अनुसार निर्माण करवाया जाएगा। इसके लिए बजट आदि मिलने पर ही काम शुरू होगा।