राजसमंद का मार्बल उद्योग एक बार फिर उबाल पर है। रॉयल्टी की दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ हजारों व्यापारी और मजदूर सड़कों पर उतर आए।
राजसमंद। राजसमंद का मार्बल उद्योग एक बार फिर उबाल पर है। रॉयल्टी की दरों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी के खिलाफ हजारों व्यापारी और मजदूर सड़कों पर उतर आए और सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दे डाला। व्यापारियों का साफ कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो कलेक्ट्री का घेराव कर ट्रक-डंपरों की कतारें सड़कों पर उतार दी जाएंगी।
केलवा चौपाटी से शुरू हुई व्यापारियों की रैली ने शहर की सड़कों को जनसैलाब में बदल दिया। पुरानी कलेक्ट्री पहुंचकर व्यापारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और कलेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान मार्बल व्यापारियों ने तल्ख़ अंदाज़ में कहा कि यह लड़ाई मार्बल उद्योग की है, सबको एकजुट होना होगा। कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं, मगर यह उद्योग बर्बादी की कगार पर है।
व्यापारियों ने चेताया कि यदि सरकार ने 48 घंटे में रॉयल्टी बढ़ोतरी का फैसला वापस नहीं लिया तो मार्बल उद्योगों के बिजली कनेक्शन कटवाने और कलक्ट्रेट को ट्रकों से घेरने की कार्रवाई शुरू होगी। आंदोलनकारियों ने कहा कि रॉयल्टी बढ़ने से खदानें सुनसान हो गई हैं, मजदूर बेरोजगार होकर पलायन कर रहे हैं और ट्रकों के पहिए थमे हुए हैं। इससे सरकार को भी करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने जनप्रतिनिधियों को भी आड़े हाथों लिया। उनका कहना था कि जब वोटों की बारी आती है तो झोली भर-भरकर वोट लेते हैं, अब जब उद्योग और मजदूर संकट में हैं तो सब चुप्पी साधे बैठे हैं। इसके लिए सभी को खुले मन से आगे आना चाहिए, क्योंकि मार्बल राजसमंद की लाइफ लाइन है और यही खत्म हो गया तो यहां के व्यापार खत्म हो जाएंगे।
23 जुलाई : मार्बल पर रॉयल्टी बढ़ाने का नोटिफिकेशन जारी।
320 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए प्रति टन रॉयल्टी तय।
01 अगस्त से खदानों से मार्बल डिस्पैच पूरी तरह बंद।
20 दिनों से ट्रकों का लदान ठप, मजदूर बेरोजगार।
100 से 150 गोदाम बंद हो चुके हैं।
प्रदर्शन में मार्बल माइंस एसोसिएशन, मार्बल गैंगसॉ एसोसिएशन, जिला मार्बल ट्रेडर्स एसोसिएशन, ट्रक ट्रेलर एसोसिएशन, कटर एसोसिएशन सहित अन्य व्यापारिक संगठन शामिल हुए। प्रदर्शन करने वालों में तनसुख बोहरा, गौरव सिंह राठौड़, रामनारायण पालीवाल, सत्यप्रकाश काबरा, गोविंद सनाढ्य, सुशील बड़ाला, लक्ष्मण गुर्जर, जनकसिंह राठौड़ सहित अनेक व्यापारी और पदाधिकारियों ने एडीएम को ज्ञापन सौंपा और मार्बल उद्योग को बचाने की मांग की और राॅयल्टी पूरी तरह से समाप्त करने की मांग भी उठाई।
हजारों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों को देखते हुए पुलिस का भारी जाब्ता तैनात किया गया। कलेक्ट्री परिसर को छावनी में बदल दिया गया। इसके बावजूद व्यापारियों के तेवर सख्त रहे और उन्होंने साफ चेतावनी दी कि आंदोलन अब और बड़ा होगा।