राजसमंद

उद्घाटन-शिलान्यास पट्टिका के QR कोड से हर प्रोजेक्ट की जवाबदेही तय, भ्रष्टाचार पर कसा शिकंजा

QR codes on inauguration plaques: नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए शिलान्यास या उद्घाटन पट्टिका पर उद्घाटनकर्ता की जानकारी के साथ ही एक क्यूआर कोड भी लगाया गया है। इस क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन करते ही संबंधित निर्माण कार्य या प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी आमजन को उपलब्ध होगी।

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उद्घाटन-शिलान्यास पट्टिका पर अब क्यूआर कोड, पत्रिका फाइल फोटो

QR codes on inauguration plaques: राजसमंद/ जयपुर। राजस्थान सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन पट्टिकाओं पर प्रोजेक्ट के नाम के साथ उद्घाटन करने वाले मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक या अन्य जनप्रतिनिधि का नाम लिखा जाता है, लेकिन यह जानकारी नहीं दी जाती कि प्रोजेक्ट का ठेकेदार कौन था और उस कार्य में कितनी राशि खर्च की गई। साथ ही प्रोजेक्ट की गारंटी अवधि की जानकारी भी नहीं दी जाती है।

नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अनुठी पहल की गई है। यहां शिलान्यास या उद्घाटन पट्टिका पर उद्घाटनकर्ता की जानकारी के साथ ही एक क्यूआर कोड भी लगाया गया है। इस क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन करते ही संबंधित निर्माण कार्य या प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी आमजन को उपलब्ध होगी।

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एक क्लिक पर सामने आएंगे नाम

इस डिजिटल व्यवस्था के तहत ठेकेदार का नाम, स्वीकृत राशि, अब तक किया गया खर्च, कार्य की प्रकृति और अन्य महत्वपूर्ण विवरण एक क्लिक पर सामने आएंगे। इस पहल का उद्देश्य विकास कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाना और आम लोगों को सीधे जानकारी से जोड़ना है। अब किसी भी निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार की जानकारी आमजन को एक स्कैन पर मिलेगी।

स्कैन करते ही यूं मिली जानकारी…

नाथद्वारा के केसपुरा में पनघट निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया और उसी पट्टिका पर स्कैनर लगाया गया। इस स्कैनर को मोबाइल से स्कैन करते ही पता चला कि प्रोजेक्ट की कुल लागत 5 लाख रूपए है। साथ ही प्रोजेक्ट से जुड़ी यह भी जानकारी मिली कि प्रोजेक्ट किस कैटेगरी का है। इसका फंड कहां से जारी हुआ और कार्य किस विभाग ने पूरा कराया।

साथ ही प्रोजेक्ट की एप्रूवल, काम शुरू करने की तारीख, काम पूरा करने की तारीख, शिलान्यास और लोकार्पण का दिन भी लिखा गया है। इसके बाद ठेकेदार की पूरी जानकारी और जिम्मेदार अधिकारी का नाम व पद भी लिखा गया है। साथ ही जिस जगह पर काम किया गया है उसकी लोकेशन भी शेयर की गई है। आखिरी में यदि किसी को प्रोजेक्ट से जुड़ी कोई शिकायत देनी हो तो उसके लिए टेलीफोन नंबर व ई-मेल आईडी भी ​दी गई है।

ई-गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम

नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में शुरू की गई यह व्यवस्था ई-गवर्नेंस की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमने प्रयोग के तौर पर पट्टिकाओं पर यह क्यूआर कोड लगाया था, जो लोगों को बहुत पसंद आया है। आने वाले समय में जो भी पट्टिकाएं लगेंगी, उन पर इसी तरह के क्यूआर कोड लगाए जाएंगे।

भ्रष्टाचार पर भी लगेगा अंकुश

इस व्यवस्था से भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। निर्माण कार्यों में अक्सर लागत, गुणवत्ता और समय-सीमा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। क्यूआर कोड आधारित जानकारी से आमजन खुद निगरानी कर सकेंगे कि कार्य तय मानकों के अनुसार हो रहा है या नहीं। यदि कहीं अनियमितता या देरी दिखाई देती है तो उसकी जवाबदेही तय करना भी आसान होगा।

इनका कहना है

उद्घाटन पट्टिकाओं पर क्यूआर कोड की पहल विकास कार्यों को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और जन-केन्द्रित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। शिलान्यास पट्टिकाओं पर जनप्रतिनिधि का नाम लिखने से भी ज्यादा जरूरी है कि उस ठेकेदार का नाम लिखा जाए, जिसने प्रोजेक्ट पूरा किया है। इससे आमजन को प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी मिलेगी। महिमा कुमारी मेवाड़, सांसद, राजसमंद

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Published on:
18 Dec 2025 09:40 am
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