ज़िला प्रशासन ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक ऐसा अभिनव कदम उठाया है, जो पूरे प्रदेश के लिए मिसाल साबित हो सकता है।
राजसमंद.ज़िला प्रशासन ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक ऐसा अभिनव कदम उठाया है, जो पूरे प्रदेश के लिए मिसाल साबित हो सकता है। ज़िला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा के नेतृत्व में शुरू किए गए इस अभियान का नाम है ‘उमंग’। यह पहल खास इसलिए है क्योंकि इसमें पहली बार ज़िले के 15 हज़ार से अधिक बच्चों का साइकोमेट्रिक टेस्ट कराया जाएगा। इसके तहत हर बच्चे को उसकी असली ताकत, रुचियां और योग्यताएं समझने का अवसर देना, ताकि वे अपने भविष्य की राह खुद तय कर सकें। राजसमंद की यह अनूठी पहल आने वाले समय में प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में शिक्षा और करियर मार्गदर्शन का नया मॉडल साबित हो सकती है।
साइकोमेट्रिक टेस्ट कोई साधारण परीक्षा नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक पद्धति है। इसके जरिए किसी भी व्यक्ति की मानसिक और भावनात्मक दुनिया को समझा जा सकता है। इस टेस्ट से पता चलता है—
आमतौर पर ऐसे टेस्ट का इस्तेमाल शिक्षा, करियर गाइडेंस, नौकरी चयन और मानसिक स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में किया जाता है। अब यही पद्धति राजसमंद के बच्चों के सपनों को दिशा देगी।
यह पहला मौका है जब किसी ज़िले में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का साइकोमेट्रिक टेस्ट किया जा रहा है। इस पूरे अभियान की सीधी निगरानी स्वयं कलक्टर अरुण कुमार हसीजा करेंगे। उनका मानना है कि “हर बच्चे में कोई न कोई विलक्षण प्रतिभा होती है। अगर वे अपनी क्षमताओं को सही समय पर पहचान लें, तो निश्चित ही सफलता उनके कदम चूमेगी। इस अभियान में ‘रिमार्केबलएजुकेशन’ संस्थान प्रशासन का सहयोगी बना है।
इस प्रयास से बच्चों को यह समझने में मदद मिलेगी कि उन्हें अपनी पढ़ाई और करियर किस दिशा में ले जाना चाहिए।
यानी, ‘उमंग’ सिर्फ एक टेस्ट नहीं, बल्कि बच्चों के आत्मविश्वास और भविष्य को संवारने वाला अभियान है।
महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजनगर में अभियान का शुभारंभ हुआ। इस दौरान विधायक दीप्ति माहेश्वरी वर्चुअल जुड़ी। जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा, डॉ प्राची गौड़, एडीपीसी घनश्याम गौड़, सीबीईओ उषा टैलर आदि मौजूद रहे। इस दौरान पुस्तिका 'सही सलाह, सफलता की राह' का भी विमोचन किया गया।