रामपुर

Voter List Fraud: वोटर सर्वे में बड़ा फर्जीवाड़ा, विदेश में रह रहे बेटों को भारत में दिखाया गया

Voter ID: रामपुर में मतदाता सूची सुधार अभियान (SIR) के दौरान एक महिला द्वारा अपने विदेश में रह रहे दो बेटों को भारत में निवासरत दिखाने और फर्जी हस्ताक्षर करने का मामला सामने आया है। इस गंभीर मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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Dec 07, 2025
SIR सर्वे में फर्जीवाड़ा, मां ने विदेश में रह रहे बेटों को भारत में बताया, एफआईआर दर्ज (फोटो सोर्स :Facebook News Group)

SIR Survey: चुनाव आयोग द्वारा देशभर में संचालित विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन – SIR) अभियान के दौरान उत्तर प्रदेश के रामपुर से एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला द्वारा अपने दो बेटों के बारे में गलत जानकारी देने और फर्जी हस्ताक्षर करने का खुलासा हुआ है। मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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 नूरजहां ने बोला झूठ 

दरअसल, यह मामला उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले का है, जहां नूरजहां नामक महिला ने अपने बेटों आमिर खान और दानिश खान से जुड़ी जानकारी मतदाता सूची सुधार सर्वे के दौरान गलत तरीके से दर्ज कराई। जांच में सामने आया कि महिला के दोनों बेटे कई वर्षों से विदेश में रह रहे हैं। जानकारी के अनुसार आमिर खान दुबई में और दानिश खान कुवैत में लंबे समय से रह रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद मां ने सर्वे फॉर्म में दोनों को भारत में निवासरत दर्शा दिया।

अधिकारियों  को हुआ शक 

यह पूरा मामला उस समय उजागर हुआ, जब SIR सर्वे के तहत की जा रही प्रारंभिक जांच और शिकायत के आधार पर फॉर्मों का मिलान किया गया। अधिकारियों ने जब संबंधित दस्तावेजों की जांच की तो पाया गया कि फॉर्म में कई जानकारियां वास्तविकता से मेल नहीं खा रही थीं। संदेह होने पर अधिकारियों ने स्थानीय स्तर पर सत्यापन कराया, जिसमें यह स्पष्ट हो गया कि दोनों युवक पिछले कई वर्षों से विदेश में काम कर रहे हैं और उनका भारत में स्थायी निवास नहीं है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है। पुलिस के अनुसार, यह मामला लोक प्रतिनिधित्व से जुड़े दस्तावेजों में गलत जानकारी देने और फर्जी हस्ताक्षर करने की श्रेणी में आता है, जो कानूनन गंभीर अपराध है।

घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा

चुनाव आयोग की ओर से देशभर में मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान उत्तर प्रदेश सहित देश के 9 राज्यों में संचालित किया जा रहा है। हाल ही में आयोग ने इस अभियान की समय-सीमा में एक सप्ताह का विस्तार भी किया है, ताकि अधिक से अधिक योग्य नागरिकों का नाम मतदाता सूची में सही तरीके से दर्ज हो सके और अपात्र नामों को हटाया जा सके। इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता सूची पूरी तरह से अद्यतन और त्रुटिरहित हो। इसके तहत घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है, नागरिकों से निवास, आयु और अन्य जरूरी दस्तावेजों का सत्यापन कराया जा रहा है। इसी प्रक्रिया के दौरान रामपुर का यह मामला सामने आया, जिसने प्रशासन और चुनाव आयोग दोनों की चिंता बढ़ा दी है।

गलत जानकारी देना, कानून का उल्लंघन

अधिकारियों का कहना है कि SIR जैसे महत्वपूर्ण अभियान में गलत जानकारी देना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकता है। गलत तरीके से नाम दर्ज कराने से फर्जी मतदान की आशंका बढ़ जाती है, जिसे रोकने के लिए आयोग लगातार सख्ती बरत रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मामले की गहन जांच की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि फॉर्म में किए गए फर्जी हस्ताक्षर स्वयं महिला ने किए थे या किसी अन्य पारिवारिक सदस्य की इस प्रक्रिया में भूमिका रही है। यदि जांच में अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आती है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन की अपील 

स्थानीय प्रशासन का कहना है कि यह मामला एक उदाहरण है कि किस प्रकार कुछ लोग गलत तरीके से मतदाता सूची में हेरफेर करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई भी गलत सूचना देने का साहस न कर सके। इस पूरे घटनाक्रम के बाद स्थानीय स्तर पर लोगों से भी अपील की जा रही है कि वे सही जानकारी दें और किसी भी प्रकार की गलत सूचना या दस्तावेज़ी हेराफेरी से बचें। चुनाव आयोग और प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि गलत सूचना देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। रामपुर का यह मामला आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए भी एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। यह साफ संकेत है कि प्रशासन अब मतदाता सूची से संबंधित मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा और कानून का सख्ती से पालन किया जाएगा।

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