6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Hardoi Fire : आशा गांव में दोना-पत्तल फैक्ट्री में भीषण आग, खुले पड़े गैस सिलेंडरों से बड़ा हादसा टला

Massive Fire Erupts in Hardoi Disposable Factory: हरदोई के आशा गांव में स्थित दोना-पत्तल फैक्ट्री में शनिवार सुबह अचानक भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। फैक्ट्री में खुले पड़े गैस सिलेंडरों के कारण बड़ा विस्फोट होने की आशंका से लोगों में दहशत फैल गई। दमकल की त्वरित कार्रवाई से आग पर काबू पाया गया और बड़ा हादसा टल गया।

4 min read
Google source verification

हरदोई

image

Ritesh Singh

Dec 06, 2025

हरदोई में अफरा-तफरी, दमकल की त्वरित कार्रवाई से नियंत्रित हुई लपटें (फोटो सोर्स : Police Media Cell )

हरदोई में अफरा-तफरी, दमकल की त्वरित कार्रवाई से नियंत्रित हुई लपटें (फोटो सोर्स : Police Media Cell )

Hardoi Fire Asha Gaon Accident: थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के अंतर्गत आशा गांव के पास स्थित दोना-पत्तल निर्माण फैक्ट्री में शनिवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब अचानक तेज धमाके जैसी आवाज के बाद आग की ऊँची लपटें उठने लगीं। कुछ ही मिनटों में फैक्ट्री परिसर धुएँ के काले गुबार से भर गया। धुएँ का गुच्छा दूर तक आसमान में उठता दिखाई दिया, जिसके बाद आसपास के घरों से लोग घबराकर बाहर निकल आए और पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

अचानक उठी तेज लपटें, मजदूरों में भगदड़

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, फैक्ट्री में रोज़ की तरह सुबह उत्पादन की तैयारी चल रही थी। लगभग 9 बजे अचानक एक हिस्से से चिंगारी उठी और देखते ही देखते आग तेजी से फैलने लगी। फैक्ट्री में मौजूद मजदूरों में भगदड़ मच गई। देखकर लोग चीखते हुए बाहर की ओर भागे। ग्रामीणों ने बताया कि आग इतनी तीव्र थी कि लोग कुछ पल के लिए नजदीक भी नहीं जा पा रहे थे। एक मजदूर रामनरेश ने बताया कि हम अंदर मशीनें साफ कर रहे थे। अचानक तेज रोशनी और गर्म हवा का झोंका आया। समझ ही नहीं पाए कि क्या हुआ। हम जितना दौड़ सकते थे, दौड़ कर बाहर आए। अगर दो मिनट और रुक जाते तो शायद बच नहीं पाते।”

फैक्ट्री परिसर में खुले पड़े थे कई गैस सिलेंडर, दहशत दोगुनी

घटना के बाद जब लोग फैक्ट्री के बाहर जमा हुए तो खुलासा हुआ कि परिसर में एक कोने में कई गैस सिलेंडर खुले पड़े थे, जिनका उपयोग मशीनरी संचालन में होता है। इन सिलेंडरों तक अगर आग पहुंच जाती तो विस्फोट से पूरा क्षेत्र हिल सकता था और जनहानि भी बड़ी हो सकती थी। लोगों में दहशत और बढ़ गई। ग्रामीणों ने सिलेंडरों के नजदीक जाने से भी इंकार कर दिया। गांव के बुजुर्ग प्रेमनाथ ने बताया कि हमने सिलेंडरों को दूर से देखा तो डर गए। अगर उनमें धमाका हो जाता तो यहां कई घरों की दीवारें भी खिसक जातीं। भगवान का शुक्र है कि आग उस ओर फैलने से पहले ही दमकल पहुंच गई।”

कई घंटे की मशक्कत के बाद काबू में आई आग

स्थानीय लोगों ने घटना की तुरंत सूचना फायर ब्रिगेड को दी। सूचना मिलते ही हरदोई फायर स्टेशन से दो दमकल गाड़ियां घटनास्थल के लिए रवाना हो गईं। फायर कर्मियों ने तेज हवा से फैलती आग को रोकने के लिए पहले आसपास के क्षेत्र को खाली कराया और फिर मुख्य हिस्से में पानी की बौछार शुरू की।

फायर अधिकारी मनोज सिंह ने बताया कि आग तेज थी और भीतर ज्वलनशील सामग्री भी काफी मात्रा में थी। सबसे बड़ा खतरा सिलेंडरों को लेकर था। हमारी प्राथमिकता आग को फैक्ट्री के उस हिस्से में पहुंचने से रोकना थी। सौभाग्य से हम समय रहते इसे नियंत्रित कर पाए। दमकल टीम को आग पूरी तरह बुझाने में करीब दो घंटे लगे। आग बुझने के बाद परिसर में धुआँ और गर्मी देर तक बनी रही। टीम ने एहतियात के तौर पर सभी सिलेंडरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर ठंडा किया।

सुरक्षा इंतजामों की भारी कमी, प्रारंभिक जांच में खुलासे

फैक्ट्री में लगी आग का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच में सुरक्षा इंतज़ामों की भारी कमी की बात सामने आई है। परिसर में न तो फायर सेफ्टी उपकरण उचित मात्रा में मिले और न ही किसी तरह का अलार्म सिस्टम पाया गया। फैक्ट्री के कई हिस्सों में बिजली के तार खुले लटक रहे थे, जिससे शॉर्ट-सर्किट की आशंका अधिक मानी जा रही है। एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का सही पालन नहीं किया गया प्रतीत होता है। यदि समय पर आग का पता लगाने के उपकरण होते तो नुकसान काफी कम हो सकता था। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।”

फैक्ट्री मालिक फरार, पुलिस ने शुरू की जांच

घटना के बाद फैक्ट्री मालिक का मोबाइल फोन स्विच ऑफ बताया जा रहा है। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है। फैक्ट्री में लाइसेंस संबंधी दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। कई ग्रामीणों का दावा है कि फैक्ट्री लंबे समय से बिना उचित सुरक्षा के चल रही थी और इसकी शिकायतें भी स्थानीय अधिकारियों तक पहुंचाई गई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। थाना कोतवाली देहात प्रभारी ने बताया कि आग के कारणों की जांच की जा रही है। फैक्ट्री मालिक से पूछताछ की जाएगी। यदि लापरवाही पाई गई तो कानूनी कार्रवाई तय है।

नुकसान का आंकलन, मशीनरी व कच्चा माल खाक

आग के कारण फैक्ट्री में रखा कच्चा माल, तैयार माल और कई महंगी मशीनें पूरी तरह जलकर खाक हो गईं। अनुमान के अनुसार फैक्ट्री को कई लाख रुपये का नुकसान हुआ है। फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि अब कुछ दिनों तक उनके रोजगार पर भी संकट बने रहने की संभावना है।

ग्रामीणों की बहादुरी: आग फैलने से पहले क्षेत्र खाली कराया

ग्रामीणों ने फायर ब्रिगेड आने से पहले ही नजदीकी घरों से लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया, जिससे किसी बड़े हादसे की आशंका कम हो गई। युवाओं ने सड़क पर बैरिकेडिंग लगाकर लोगों की भीड़ को आग के पास जाने से रोका।

बड़ी दुर्घटना टली, प्रशासन अब सख्ती की तैयारी में

इस घटना ने फिर एक बार छोटे उद्योगों में सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़ा कर दिया है। जिले के अधिकारियों ने क्षेत्र में चल रही अन्य फर्मों की सुरक्षा जांच कराने का संकेत दिया है ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।