
लड़की से छेड़छाड़ का आरोप; युवकों की पिटाई, सिर मुंडवाया, पूरे गांव में जुलूस-पंचायतनुमा सजा पर पुलिस सख्त (फोटो सोर्स : Police Whatsapp News Group )
Hardoi जिले में भीड़ द्वारा न्याय देने के एक और मामले ने कानून-व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। माधोगंज थाना क्षेत्र के भैंसीमऊ गांव में दो युवकों को गांव वालों ने घेरकर न केवल लाठी-डंडों से पीटा, बल्कि उनका सिर तक मुंडवा दिया और पूरे गांव में अपमानजनक जुलूस निकाला। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद पुलिस हरकत में आ गई है। दोनों युवक भय में घरों से बाहर निकले बिना छिपे हुए हैं, वहीं पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।
ग्रामीणों के अनुसार, भैंसीमऊ गांव की एक लड़की बाजार गई हुई थी। वह वहां से ई-रिक्शा से वापस गांव लौट रही थी। तभी मंगरौली गांव के दो युवक जिनकी उम्र करीब 20 से 22 साल बताई जा रही है,बाइक से उसके पीछे लग गए। युवती को शक होने पर उसने मोबाइल से परिवार वालों को सूचना दे दी। इसके बाद जैसे ही ई-रिक्शा गांव के बाहर पहुंचा, युवती के परिवार के लोग और गांव के कुछ पुरुष पहले से ही वहां मौजूद थे। दोनों युवकों की बाइक को रोक लिया गया और उनसे पूछताछ शुरू हुई। पूछताछ के दौरान मामला गरमाया और ग्रामीण उग्र हो गए।
ग्रामीणों का आरोप था कि दोनों युवक लड़की के पीछे-पीछे संदिग्ध रूप से घूम रहे थे। यह बात होते ही भीड़ ने अपने हाथों में न्याय ले लिया। युवकों को डंडों, लात-घूंसों से पीटा गया। वीडियो में साफ दिखता है कि दोनों युवक बचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भीड़ उन्हें धक्का देती हुई आगे खींच रही है।
मामला यहीं नहीं रुका। ग्रामीणों ने दोनों युवकों को "सार्वजनिक सबक" सिखाने की नीयत से जबरन बैठाया और उनके सिर उस्तरे से मुंडवा दिए। फिर अपमानजनक नारे लगवाते हुए पूरे गांव में जुलूस निकाला गया। गांव की गलियों में दहशत का माहौल बन गया। युवक हाथ जोड़कर माफी मांगते दिख रहे थे, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। इस दौरान किसी ने मोबाइल से घटना रिकॉर्ड कर ली। वीडियो वायरल होते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया।
घटना के बाद से दोनों युवक अत्यधिक भय और सदमे में हैं। उनके परिजनों ने बताया कि सिर मुंडवाने और पूरे गांव में जुलूस निकालने से वे मानसिक रूप से टूट गए हैं। परिवार वाले भी ग्रामीणों के विरोध के डर से पुलिस से शिकायत करने आगे नहीं आ रहे थे।
सीओ बिलग्राम रवि प्रकाश ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है। वीडियो के आधार पर कई लोगों की पहचान की गई है। अभी तक पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। पीड़ित पक्ष को सुरक्षा दी जाएगी और कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। एसपी अशोक कुमार मीणा ने भी घटना को संज्ञान में लेते हुए बताया कि लड़की से छेड़खानी का पुराना विवाद पहले से दर्ज था। उन्होंने कहा कि किसी के अपराध के बदले भीड़ द्वारा सजाएं देना कानून के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे अपराध किसी भी पक्ष से हुआ हो, कार्रवाई कानून के तहत ही होगी।
घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग ग्रामीणों की कार्रवाई को "तत्काल न्याय" बताते दिख रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोगों का कहना है कि यदि युवकों ने गलती की भी थी तो कानून हाथ में लेना उचित नहीं। भीड़ द्वारा सार्वजनिक अपमान, हिंसा और जबरन सिर मुंडवाना आपराधिक कृत्य है। इससे गांव में अराजकता बढ़ती है और लोगों का कानून से भरोसा उठता है।
गांव के कुछ लोगों का कहना है कि ये दोनों युवक पहले भी लड़कियों का पीछा करते देखे गए थे और शिकायतें मिलती रहती थीं। यह बात सामने आने के बाद ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ा और उन्होंने आक्रोश में आकर यह कदम उठा लिया। हालांकि यह भी स्पष्ट है कि पुलिस को शिकायत करने के बजाय भीड़ ने अपनी मनमर्जी से कार्रवाई की, जो कानूनन अपराध है।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार,
यह पहली बार नहीं है जब ग्रामीण इलाकों में भीड़ द्वारा "पंचायतनुमा सजा" दी गई हो। यह प्रवृत्ति कानून को कमजोर करती है और कई बार निर्दोष भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। पुलिस प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि डर के माहौल को खत्म किया जाए और ग्रामीणों को कानूनी तरीके से कार्रवाई के लिए जागरूक किया जाए।
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Published on:
21 Nov 2025 07:40 pm
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