
पुरानी पेंशन बहाली और TET अनिवार्यता के विरोध में देशभर के शिक्षक जुटेंगे (फोटो सोर्स : teachers, Employees Union Whatsapp Group)
Teachers Protest: पुरानी पेंशन की बहाली और 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी (TET) की नई अनिवार्यता के विरोध में देशभर के शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों का बड़ा प्रदर्शन आगामी 25 नवंबर 2025 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने जा रहा है। यह राष्ट्रीय रोष-प्रदर्शन अटेवा (All Teachers Employees Welfare Association) तथा एनएमओपीएस (National Movement for Old Pension Scheme) के संयुक्त नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है। दोनों संगठनों ने इसे अब तक का सबसे बड़ा देशव्यापी आंदोलन बताते हुए दावा किया है कि लाखों शिक्षक और कर्मचारी दिल्ली पहुंचकर सरकार से अपने हक की आवाज बुलंद करेंगे। कार्यक्रम का नेतृत्व संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार “बन्धु” करेंगे।
अटेवा और एनएमओपीएस वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि नई पेंशन प्रणाली (NPS) में उन्हें आर्थिक सुरक्षा नहीं मिलती और सेवा के बाद भविष्य अनिश्चित बना रहता है। इसी के साथ हाल में 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर अचानक टीईटी पास करने की अनिवार्यता लागू कर दी गई, जिसे शिक्षक समुदाय अन्यायपूर्ण बता रहा है। शिक्षकों का तर्क है कि जिस भर्ती विज्ञापन में टीईटी का उल्लेख ही नहीं था, उसमें 14–15 वर्ष बाद अचानक यह शर्त थोपना असंगत और अव्यावहारिक है।
आगामी प्रदर्शन को लेकर हरदोई इकाई की तैयारी लगातार तेज हो रही है। शनिवार को अटेवा हरदोई के जिला अध्यक्ष डॉ. जैनुल खान की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन गूगल मीट बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिले के सभी ब्लॉकों के ब्लॉक अध्यक्ष, जिला पदाधिकारी और बड़ी संख्या में सदस्यों ने हिस्सा लिया। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हरदोई से भारी संख्या में शिक्षक दिल्ली कूच करेंगे। जिलाध्यक्ष डॉ. जैनुल खान ने कहा कि अटेवा पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पूरी तरह कटिबद्ध है। हमारा आंदोलन सरकार द्वारा OPS बहाली की घोषणा तक पूरे दमखम से जारी रहेगा। हरदोई से रिकॉर्ड संख्या में साथी दिल्ली पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन सिर्फ एक आर्थिक मुद्दा नहीं बल्कि सेवाकाल समाप्त होने के बाद सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है।
जिला महामंत्री सायुज्य मिश्रा ने टीईटी विवाद पर कहा कि 2011 से पहले जारी भर्ती विज्ञापनों में टीईटी का कोई उल्लेख नहीं था। ऐसे में इतने वर्षों की सेवा के बाद अचानक टीईटी अनिवार्य कर देना पूर्णतः अनुचित और गैर जिम्मेदाराना फैसला है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय हजारों अनुभवी शिक्षकों के हितों के खिलाफ है और सरकार को इसे तत्काल वापस लेने पर विचार करना चाहिए। जिला संयोजिका कुसुमलता वर्मा ने भी टीईटी को लेकर गहरी असहमति जताई। उन्होंने कहा कि 14–15 वर्ष सेवाएं देने के बाद अचानक नई शर्तें लागू करना न्यायसंगत नहीं। सरकार को एक अध्यादेश लाकर इसे निरस्त कर देना चाहिए। महिला कर्मियों को भी बड़े पैमाने पर दिल्ली पहुंचना चाहिए।
राष्ट्रीय स्तर पर तय किया गया है कि 25 नवंबर को शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारी जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण लेकिन शक्तिशाली आवाज उठाएंगे। अटेवा और एनएमओपीएस का दावा है कि देशभर से लाखों लोग इस रैली में शामिल होंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार “बन्धु” की अगुवाई में यह आयोजन होगा, जिसमें OPS बहाली और टीईटी अनिवार्यता हटाने को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा। बैठक में सभी ने एक स्वर में कहा कि यह आंदोलन शिक्षकों के सम्मान, अधिकार और भविष्य की सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए दिल्ली में सभी का ऐतिहासिक प्रदर्शन होगा।
अटेवा और एनएमओपीएस कई वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली के लिए आवाज उठा रहे हैं। इस दौरान कई बड़े धरने, मार्च और ज्ञापन कार्यक्रम आयोजित किए गए। संगठन का कहना है कि NPS के तहत पेंशन बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर हो गई है, जबकि OPS सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानजनक और निश्चित आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। संगठन लगातार मांग करता आया है कि पुरानी पेंशन को फिर से लागू किया जाए। NPS को समाप्त किया जाए। 2011 से पूर्व नियुक्त सभी शिक्षकों को टीईटी अनिवार्यता से मुक्त किया जाए। लंबे समय से नौकरी कर रहे शिक्षकों की सेवा शर्तें बदली न जाएं
दिल्ली पुलिस और प्रशासन इस बड़े आयोजन को देखते हुए व्यवस्था की तैयारी कर रहे हैं। जंतर-मंतर पर आमतौर पर सीमित संख्या में प्रदर्शन कर्ताओं को अनुमति होती है, लेकिन इस बार भारी भीड़ होने की संभावना है। यातायात योजना, सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। अटेवा ने सभी जिला इकाइयों को निर्देश जारी किए हैं कि वे यात्रा योजनाओं, वाहन व्यवस्था, सुरक्षा और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पहले से पूरी कर लें।
आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा-संगठन की अपील
अटेवा और एनएमओपीएस ने साफ कहा है कि प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा। संगठन के नेताओं ने कहा कि हम लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत अपना विरोध दर्ज कराएंगे। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था, हिंसा या असंयम आंदोलन के उद्देश्य को कमजोर करता है।
सभी वक्ताओं ने एक ही लाइन दोहराई,यह सिर्फ पेंशन का मुद्दा नहीं, शिक्षक सम्मान और भविष्य की सुरक्षा का सवाल है। शिक्षकों ने उम्मीद जताई है कि सरकार उनकी मांगों पर संवेदनशीलता से विचार करेगी और समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगी।
Updated on:
05 Dec 2025 11:10 am
Published on:
23 Nov 2025 12:21 am
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