Security returned after 23 months: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को यूपी सरकार ने राहत दी है। राज्य सरकार ने उनकी ‘वाई श्रेणी’ सुरक्षा फिर से बहाल कर दी है। 23 महीने जेल में रहने के बाद रिहाई पाने वाले आजम खान को एक बार फिर से सुरक्षा गार्ड और गनर मुहैया कराए गए हैं।
Azam Khan Y Category Security: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने उनकी ‘वाई श्रेणी की सुरक्षा’ को फिर से बहाल कर दिया है। बताया जा रहा है कि सुरक्षा व्यवस्था में यह कदम प्रशासनिक समीक्षा और स्थानीय खुफिया रिपोर्टों के बाद उठाया गया है। करीब 23 महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हुए आजम खान को अब पहले की तरह सुरक्षा गार्ड और गनर फिर से उपलब्ध करा दिए गए हैं। सरकार के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं- क्या यह केवल सुरक्षा का मामला है या इसके पीछे कोई राजनीतिक संदेश भी छिपा है?
आजम खान 2022 से लेकर 2024 तक विभिन्न मामलों में जेल में बंद रहे। उनकी रिहाई के बाद से ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई बार सवाल उठे थे। आजम खान के परिवार और समर्थकों का कहना था कि उनकी जान को खतरा है और उन्हें फिर से ‘वाई श्रेणी’ की सुरक्षा दी जानी चाहिए। सरकार ने हाल ही में इस मामले की समीक्षा की और अब निर्णय लिया गया है कि आजम खान को वही सुरक्षा श्रेणी वापस दी जाए, जो उन्हें मंत्री रहते हुए मिली थी। सूत्रों के मुताबिक, राज्य गृह विभाग ने आदेश जारी कर रामपुर प्रशासन को निर्देशित किया है कि सुरक्षा कर्मियों की पुनः तैनाती तत्काल प्रभाव से की जाए।
‘वाई श्रेणी’ सुरक्षा आमतौर पर उन व्यक्तियों को दी जाती है, जिनकी सुरक्षा को लेकर राज्य या केंद्र सरकार को खतरे की संभावना लगती है। इस श्रेणी के तहत आमतौर पर 11 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं- जिसमें दो से तीन पीएसओ (Personal Security Officer) और आठ से नौ पुलिसकर्मी या सशस्त्र गार्ड शामिल होते हैं। आजम खान को यह सुरक्षा राज्य स्तर पर उपलब्ध कराई गई है, यानी उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस और स्थानीय प्रशासन की होगी।
रामपुर पुलिस ने आदेश मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। आजम खान के निवास और उनके आवागमन वाले रास्तों पर अतिरिक्त गश्त के आदेश दिए गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा दल में प्रशिक्षित कमांडो भी शामिल किए जाएंगे। जिला प्रशासन ने बताया कि यह सुरक्षा ‘स्थायी श्रेणी’ में दी जा रही है, यानी इसे बिना किसी विशेष आदेश के समाप्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, सुरक्षा कर्मियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे हर गतिविधि की रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपेंगे।
सरकार के इस फैसले के बाद राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। सपा नेताओं ने इसे देर से लिया गया कदम बताया, जबकि विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं कि आखिर अब जाकर सरकार को सुरक्षा की जरूरत क्यों महसूस हुई? सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, “आज़म खान पर हुए अन्याय की भरपाई सुरक्षा देने से नहीं हो सकती। लेकिन यह कम से कम मान्यता है कि उनकी जान को खतरा था। वहीं भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सुरक्षा का निर्णय प्रशासनिक रिपोर्ट पर आधारित है, इसमें राजनीति नहीं देखनी चाहिए। “राज्य सरकार किसी की भी सुरक्षा को लेकर संवेदनशील है, चाहे वह किसी भी दल से क्यों न जुड़ा हो,” उन्होंने कहा।
आजम खान 2022 में अवैध कब्जे, घोटाले और सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग के कई मामलों में जेल भेजे गए थे। 23 महीने बाद 2024 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली और वे जमानत पर रिहा हुए। रिहाई के बाद से ही उन्होंने राजनीतिक रूप से सक्रियता कम रखी, लेकिन रामपुर विधानसभा और सपा की अंदरूनी राजनीति में उनका प्रभाव बरकरार है। कहा जाता है कि पार्टी के कई निर्णयों में आज भी उनकी राय अहम मानी जाती है। उनके समर्थकों ने लंबे समय से सरकार से मांग की थी कि “सुरक्षा बहाल की जाए क्योंकि लगातार उन्हें धमकियां मिल रही हैं।” अब सरकार ने यह कदम उठाया है, जिसे उनके समर्थकों ने स्वागत योग्य बताया है।
गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) और विशेष शाखा की रिपोर्ट में यह कहा गया था कि “आज़म खान की सुरक्षा को लेकर खतरा बना हुआ है।” कुछ समय पहले रामपुर में उनकी गाड़ियों का पीछा करने और सोशल मीडिया पर धमकी भरे संदेशों की शिकायतें भी आई थीं। इन रिपोर्टों के आधार पर शासन ने सुरक्षा की समीक्षा की और ‘वाई श्रेणी’ बहाल करने का फैसला लिया। आदेश में कहा गया है कि सुरक्षा कर्मियों को उनके निवास, यात्रा और सार्वजनिक कार्यक्रमों में ड्यूटी करनी होगी।
आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम खान ने इस फैसले पर कहा कि “यह निर्णय स्वागत योग्य है। सुरक्षा हमारी प्राथमिकता नहीं, लेकिन जो खतरे की बात कई महीनों से कह रहे थे, उसे सरकार ने अब माना है।”उन्होंने कहा कि “हम उम्मीद करते हैं कि यह सुरक्षा केवल दिखावे की न हो, बल्कि व्यावहारिक और प्रभावी हो।”