Karni Sena protest: 21 सूत्रीय मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर करणी सेना प्रमुख, 21 दिसंबर को हरदा में जन क्रांति न्याय आंदोलन का महासंग्राम करने की तैयारी
Karni Sena Protest: करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर पिछले 6 दिन से भूख हड़ताल पर हैं। इसकी सूचना अभी तक प्रशासन को नहीं मिली और न ही उनके स्वास्थ्य की जांच करने के लिए कोई डॉक्टर पहुंचा है। हरदा में 21 दिसंबर को होने वाले जन क्रांति न्याय यात्रा को लेकर मध्य प्रदेश के सभी जिलों में आह्वान रैली निकाली गई थी यह रैली जब इंदौर में पहुंची थी, तो वहां पर प्रशासन ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए रैली को निकलने नहीं दिया। इससे नाराज होकर रोड पर ही धरना दिया गया था और वहीं पर जीवन सिंह शेरपुर ने भूख हड़ताल की घोषणा की थी। 14 दिसंबर से लेकर आज तक वे भूख हड़ताल पर हैं।
इसको लेकर उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही है और 5 किलो वजन भी कम हो चुका है। जबकि वह शुगर के मरीज है वह इसलिए दवाई भी नहीं ले पा रहे हैं प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं होने पर अभी तक प्रशासन ने स्वास्थ्य की जांच के लिए कोई अमला भी नहीं भेजा है।
बता दें कि हरदा में 21 दिसंबर को करणी सेना का 21 सूत्रीय मांगों को लेकर जन क्रांति न्याय यात्रा का आयोजन कर रही है। मामले में जीवन सिंह शेरपुर ने मीडिया के समक्ष जानकारी देते हुए बताया कि सर्व समाज को लेकर 21 सूत्रीय मांगों को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है। हरदा प्रशासन ने पूर्व में हुए विरोध के दौरान जब छात्रावास में घुसकर बेसहारा लोगों के साथ मारपीट की थी, तब से ही यह मामला विवादों में चल रहा है। इस आंदोलन में जो मांगे हैं वह सभी समाज को लेकर जोड़ी गई हैं। इसमें ऐसी कोई भी मांग नहीं है जिससे कि किसी का अहित हो। अगर शासन प्रशासन हमारी मांगे मान लेता है तो यह आंदोलन समाप्त कर दिया जाएगा। वरना भूख हड़ताल का यह आंदोलन 21 दिसंबर के बाद भी लगातार जारी रहेगा। इसमें भूख हड़ताल पर बैठने वालों की संख्या भी बढ़ सकती है।
हरदा प्रशासन ने अभी लिखित परमिशन तो जारी नहीं की है लेकिन उन्होंने हमें आयोजन के लिए जगह उपलब्ध करा दी है और हमारे वालंटियर ने वहां पहुंचकर आयोजन की तैयारी भी शुरू की है।
शेरपुर का कहना है कि 16 जून 2014 में पहला ज्ञापन हमने जावरा शहर में ही दिया था। इसमें आर्थिक आधार पर आरक्षण, गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा के साथ स्वामीनाथन कमेटी के आधार ओर किसानों की फसलों के भाव तय किए जाने जैसे मुद्दे शामिल थे। उसके बाद समय बढ़ता गया और इस आंदोलन में मांगे भी। इसलिए यह मांग अब 21 सूत्रीय हो गई है।
जीवन सिंह शेरपुर ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलने से पहले 29 जुलाई को उन्होंने मां करणी के मंदिर में ही अन्न छोड़ने का प्रण लिया था, जब तक कि यह हरदा कांड के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक अन्न ग्रहण नहीं करेंगे इसे लेकर वे अभी लगातार पांच महीने से उपवास पर ही चल रहे थे और अब उन्होंने भूख हड़ताल की घोषणा कर दी। आज इस भूख हड़ताल का छठवां दिन है। इससे उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही है। निजी चिकित्सक डॉ. राजेंद्र शर्मा उनके स्वास्थ्य की लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं। गुरुवार को स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनकी जांच भी करवाई गई थी।
हरदा आंदोलन के लिए समर्थकों से भोजन-पानी सहित जरूरी इंतजाम साथ लेकर पहुंचने का आह्वान भी किया जा रहा है। इसके यह भी संकेत हैं कि यदि 21 सूत्रीय मांगें नहीं मानी गईं तो, हो सकता है यह आंदोलन लंबा चलेगा। जीवनसिंह शेरपुर का कहना है कि सरकार के समक्ष हम मांगें रखेंगे और यदि सरकार नहीं मानती है तो फिर और भी लोग अनशन शुरू कर सकते हैं। आर्थिक आधार पर आरक्षण, हरदा लाठी चार्ज की उच्च स्तरीय जांच, एट्रोसिटी प्रकरणों में बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं करने सहित छात्रों, 21 किसानों और आमजन से जुड़ी मांगों को लेकर सर्व समाज के साथ यह जनक्रांति आंदोलन किए जाने की तैयारी है।