रतलाम

बड़ा ब्लंडर! जिस जमीन का महापौर ने किया भूमिपूजन वो निकली निजी, कोर्ट में चल रहा मामला

Bhoomi Pujan: मध्य प्रदेश में जिला प्रशासन से बड़ा ब्लंडर देखें को मिला। पानी की बेहतर और पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए महापौर ने जिस जगह पर टंकी का भूमिपूजन किया वो निजी निकल गई।

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Apr 14, 2025

Bhoomi Pujan: मध्य प्रदेश के रतलाम के अमृत सागर क्षेत्र में पानी की बेहतर और पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए हाल ही में महापौर प्रहलाद पटेल ने जिस स्थान पर टंकी का भूमिपूजन किया वहां नया पैंच आ गया है। जिस जमीन पर यह टंकी बननी थी वह जमीन निजी निकल गई। बताया जा रहा है जमीन को लेकर कोर्ट में कोई केस भी चल रहा है। इस स्थिति में यहां काम शुरू होने से पहले ही फिलहाल इस पर रोक लग गई है।

ठेकेदार ने जमीन को लेकर आए नए घटनाक्रम को लेकर नगर निगम को सूचना भी दे दी है। अब नगर निगम का अमला राजस्व की मदद से नई जगह ढूंढने की कवायद में जुट गया है। इस जगह 16 लाख लीटर क्षमता की पानी की टंकी बनाई जानी थी। किसी अन्य जगह टंकियों के निर्माण को लेकर यह स्थिति नहीं होने से वहां तेजी से कार्य चल रहा है।

यहां बननी है इस क्षमता की टंकियां

शहर में अमृ योजना के तहत नौ स्थानों पर विभिन्न क्षमता की टंकियों का निर्माण किया जाना हैं। इनमें सिविक सेंटर, सागोद और जजुन नगर में 10 लाख, मिडटाउन में पांच लाख, सिल्वर इन में पांच, थावरिया में तीन, अमृत सागर में 16 लाख, विरियाखेड़ी में पांच और पोलोग्राउंड में भी 10 लाख लीटर क्षमता की टंकियां बनाई जानी है।

100-100 वर्गफीट की जमीन चाहिए

टंकी और इसके परिसर के लिए 100-100 वर्गफीट की जमीन की जरुरत होती है। अमृत सागर में फिलहाल इतनी सरकारी जमीन नहीं है जिस पर टंकी का निर्माण किया जा सके। एक तरफ निजी जमीन तो दूसरी तरफ श्मशान होने से वह जमीन भी इस कार्य में नहीं ली जा सकती है। अब नए स्थान के चयन के बाद ही काम शुरू हो पाएगा।

जमीन को लेकर मिला पत्र

जल विभाग के कार्यपालन यंत्री राहुल जाखड़ ने बताया कि अमृत सागर क्षेत्र में जहां टंकी का निर्माण होना था उसे लेकर ठेकेदार का पत्र मिला है। संभवत: वह निजी जमीन है। हम इसके विकल्प के रूप में भी तलाश कर रहे हैं जहां टंकी का निर्माण कराया जा सके। शहर में नौ टंकियों का निर्माण किया जा रहा है। यह निर्माण अमृत-2 योजना के तहत हो रहा है। 72 करोड़ की इस योजना में शहर के नौ स्थानों पर पेयजल सप्लाई के लिए टंकियों का निर्माण किया जाना है। कई टंकियों का भूमिपूजन होने के बाद काम भी शुरू हो चुका है। कुछ टंकियों का निर्माण 50 फीसदी से ज्यादा हो गया है।

Published on:
14 Apr 2025 10:44 am
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