रतलाम

Maha Shivratri 2025 : एमपी का चमत्कारी शिव मंदिर, जहां का प्रसाद खाने से भर जाती है सूनी गोद

Maha Shivratri 2025 : एमपी के बिलपांक गांव में 'विरुपाक्ष महादेव' का शिव मंदिर है। वैसे तो मंदिर में सालभर भक्तों का आना जाना लगा रहता है, लेकिन महाशिवरात्रि के मौके पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां मिलने वाले प्रसाद भी चमत्कारी विशेषता है।

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Maha Shivratri 2025 :मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बहुत से चमत्कारी मंदिर है, इनके चमत्कार ही हैं, जिसके चलते दूर-दूर से लोग उन मंदिरों में दर्शन करने आते हैं। इन मंदिरों के चमत्कार लोगों के लिए रहस्य बने हुए हैं तो कुछ लोगों के लिए आस्था का विषय हैं। 26 फरवरी को देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा, ऐसे में हम आपको राज्य के रतलाम जिले में स्थित एक ऐसे अद्भुत शिव मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां का चमत्कारी प्रसाद खाने यहां दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं। मान्यता है कि, मंदिर का प्रसाद खाने से सूनी गोद तक भर जाती है।

बता दें कि जिले के अंतर्गत आने वाले बिलपांक गांव में विरुपाक्ष महादेव का मंदिर है, जहां महाशिवरात्रि पर दर्शन करने लाखों श्रद्धालु आते हैं। महाशिवरात्रि के अगले दिन यज्ञ पूर्णाहुति के साथ विशेष खीर वितरित की जाती है। इस प्रसाद को लेकर श्रद्धालुओं में बड़ी आस्था है, वो ये कि जिन महिलाओं को संतान प्राप्ति में बाधा हो वो इस प्रसाद को ग्रहण करती हैं। मान्यता है कि प्रसाद खाने से संतान की प्राप्ती होती है।

संतान प्राप्ति के बाद करना होता है ये काम

ऐसे में महाशिवरात्रि से पहले से ही मंदिर से बांटी जाने वाली खीर खाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जमा हो जाती है। यहां श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। यहां आए लोग शिवरात्रि के अगने दिन खीर प्रसाद ग्रहण कर वापस अपने घरों को लौटेंगे। बड़ी संख्या में महिलाएं यहां पहुंच रही हैं। बता दें कि, इस मंदिर से मिले प्रसाद को खाने के बाद जिन माताओं को संतान की प्राप्ति होती है, उन्हें मान्यता के अनुसार, बच्चे के वजन के बराबर प्रसाद चढ़वाकर मंदिर में वितरित करना होता है।

हवन कुंड की आंच से बनता है चमत्कारी प्रसाद

विरुपाक्ष महादेव का ये मंदिर भी बड़ा अद्‌भुत और चमत्कारी है। 64 खंभों वाले इस मंदिर में खंभों की गिनती की भूल भुलैया ऐसी है की इन्हें एक बार में कोई नहीं गिन सकता और प्राचीन काल के इस निर्माण तकनीक को देखने भी यहं दूर दूर से सालभर टूरिस्ट आते हैं। फिलहाल, मंदिर में हवन किया जा रहा है और इस हवन की आहुतियों की आंच से ही चमत्कारी प्रसाद को बनाया जाता है।

Published on:
25 Feb 2025 11:33 am
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