Premanand Maharaj Quotes: आधुनिक समय में जहां प्यार को अक्सर दिखावे और सोशल मीडिया की चकाचौंध से जोड़ा जाता है, वहीं प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में एक प्रवचन में इस पर कड़ी टिप्पणी की।
Premanand Maharaj viral video: प्रेमानंद महाराज जी का सत्संग सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। उनका उपदेश सुनना लोगों को बेहद पसंद है। देश के जाने-माने लोग तक महाराज से मिलने आते हैं। आजकल सिर्फ वृंदावन नहीं बल्कि पूरे सोशल मीडिया पर भी प्रेमानंद महाराज छाए रहते हैं। वे अपने सत्संग के माध्यम से लोगों को सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन का ज्ञान देते हैं। अक्सर, प्रेमानंद महाराज से सत्संग के बाद श्रद्धालु अपनी तमाम तरह की समस्याओं को लेकर सवाल पूछते हैं, जिसका संत बहुत सहज तरीके से उत्तर देते हैं। हाल ही में उन्होंने दिखावे के प्यार और सच्चे प्यार में अंतर बताया है।
आजकल प्रेमानंद महाराज जी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। वो लोगों के प्रश्नों का उत्तर देकर उन्हें सही राह पर चलने की सलाह देते हैं। हाल ही में प्रेमानंद महाराज जी ने झूठे और दिखावे के प्यार के बारे में बताया है।
प्रेमानंद महाराज जी ने बताया कि जो लोग सोशल मीडिया पर अपने प्यार का प्रचार करते हैं। वो प्यार नहीं दिखावा है। महाराज जी ने कहा कि जो छप गया वो प्यार नहीं होता। प्यार छुपाने की चीज होती है, छपाने की नहीं। अगर आप सोशल मीडिया पर दिखावा कर रहे हैं, अपने प्यार को हर जगह छापने की कोशिश कर रहे हैं तो वो प्यार का नाटक है।
माहाराज जी ने आगे कहा, "जिसको प्यार नहीं होता वो व्यक्ति प्यार का दवाब बनाकर अपने वश में करने की कोशिश करता है। यह प्यार नहीं प्यार का नाटक है। सच्चा प्यार ये होता है कि जाओ तुम जाओ अगर तुम सुखी हो तो मैं जीवनभर तुम्हें आशीर्वाद दूंगा कि तुम दोनों सुखी रहो। मैं तुम्हें सुखी देखना चाहता हूं। यह प्यार कहां है? प्यार एक गुण विषय है वो दो हृदयों को एक कर देना। दो इच्छाओं को एक में बदल देना। दो हृदयों को एक में बदल देना। दो तन एक हृदय एक इच्छा ये कहां है? ये सिर्फ भगवान में है। दूसरी किसी जगह नहीं मिलेगी।
आज के समय में लोग दिल से नहीं, बल्कि मतलब से प्यार करते हैं। उन्होंने बताया कि सच्चा प्रेम वही है जो स्वार्थ से नहीं, बल्कि भगवान से जुड़ा हो। जो इस बात को समझ जाता है, उसका जीवन बदल जाता है, क्योंकि स्वार्थ में किया गया प्रेम सच्चा नहीं होता और सिर्फ दिखावा होता है, जैसा कि आज के समय में अक्सर देखने को मिलता है।