Bhadrapada Vrat List 2025: सावन की विदाई के साथ ही 10 अगस्त को भादो मास की पावन शुरुआत हो गई है। यह महीना भक्ति और उत्सवों के रंगों से भर जाता है।इस मास में पड़ने वाले व्रत-त्योहार न केवल धर्म-संस्था को गहराई देते हैं, बल्कि यह महीना प्रेम, एकता और सद्भाव का संदेश भी फैलाता है।जानिए इस मास में कौन-कौन से व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, और उनका क्या महत्व है।
Bhadrapada Vrat List 2025: हिंदू पंचांग का छठा महीना भाद्रपद कहलाता है। 10अगस्त से भादो का महीना का आगमन हो चुका है, और यह मास उत्सव और व्रत के वातावरण की रौनक बढ़ा देता है।यह महीना न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है, बल्कि इसमें आने वाले व्रत-त्योहार हमारे जीवन में श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक रंग भी भरते हैं।शास्त्रों के अनुसार, इसी पावन मास में कई ऐसे उत्सव हैं जो परंपरागत और पौराणिक रूप से महानतम महत्व रखते हैं, जैसे अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृषभ लग्न में भगवान श्रीकृष्ण ने धरती पर अवतार लिया था, जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है।आइए जानते हैं भादो मास में पड़ने वाले कुछ विशेष व्रत, त्योहार और उनके महत्व को।
इसी मास की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृषभ लग्न में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए इस मास का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। साथ ही, हरतालिका तीज, अजा एकादशी, श्री गणेश चतुर्थी, जैन पर्युषण पर्व आदि भी इसी माह मनाए जाते हैं। साथ ही इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान या गंगा नदी में स्नान का अत्यधिक महत्व है। इस महीने में दान पुण्य करने से भी साधक को शुभ फल प्राप्त होता है।
| तारीख | व्रत / त्योहार |
|---|---|
| 12 अगस्त | संकष्टी चतुर्थी, बहुला चतुर्थी, कजरी तीज |
| 14 अगस्त | बलराम जयंती |
| 15 अगस्त | कृष्ण जन्माष्टमी (मासिक), शीतला सातम, स्वतंत्रता दिवस, आद्याकाली जयंती |
| 16 अगस्त | दही हांडी, कार्तिगाई, कालाष्टमी (मासिक) |
| 17 अगस्त | सिंह संक्रांति, मलयालम नव वर्ष |
| 19 अगस्त | अजा एकादशी |
| 20 अगस्त | प्रदोष व्रत (बुधवार) |
| 21 अगस्त | शिवरात्रि (मासिक) |
| 22 अगस्त | पिठोरी अमावस्या, दर्श अमावस्या |
| 23 अगस्त | भाद्रपद अमावस्या |
| 25 अगस्त | वराह जयंती |
| 26 अगस्त | हरतालिका तीज, गौरी हब्बा |
| 27 अगस्त | गणेश चतुर्थी, विनायक चतुर्थी |
| 28 अगस्त | स्कन्द षष्ठी, ऋषि पंचमी |
| 30 अगस्त | ललिता सप्तमी |
| 31 अगस्त | राधा अष्टमी, दुर्गाष्टमी (मासिक), महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ |
| 01 सितंबर | ज्येष्ठ गौरी पूजा, ज्येष्ठ गौरी विसर्जन |
| 03 सितंबर | परिवर्तिनी एकादशी |
| 04 सितंबर | वामन जयंती, भुवनेश्वरी जयंती, कल्की द्वादशी |
| 05 सितंबर | ओणम, प्रदोष व्रत (शुक्रवार), शिक्षक दिवस |
| 06 सितंबर | गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी |
| 07 सितंबर | भाद्रपद पूर्णिमा व्रत, चंद्र ग्रहण |
कजरी तीज से विशेष रूप से सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो इस बार 12 अगस्त से शुरू होगा।कजरी तीज भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। यह पर्व महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, जो इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना करती हैं।
भादो में 20 अगस्त बुधवार को प्रदोष व्रत है। यह खास व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण उपवास है, जो त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। माना जाता है कि इस व्रत से जीवन में शांति, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
भादो मास में मनाए जाने वाली ये तीज बेहद ही खास मानी जाती है। हरतालिका तीज 26 अगस्त को मनाया जाने वाला है। यह व्रत महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की खुशहाली और पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। यह व्रत मां पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन की स्मृति में मनाया जाता है।
15 के शुभ दिन भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को मनाया जाने वाला है। जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की स्मृति में मनाई जाती है, जो धर्म की रक्षा और अधर्म के विनाश के लिए अवतरित हुए थे। यह दिन भक्ति, उपवास और रासलीला की भावनाओं से भरा होता है।
27 अगस्त यह खास दिन मनाया जाने वाला है। गणेश चतुर्थी बुद्धि, समृद्धि और बाधा-निवारण के प्रतीक भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। भक्त गजानन की मूर्ति की स्थापना करके प्रेमपूर्वक पूजा करते हैं और दस दिन तक उत्सव मनाते हैं।
भादो 31 अगस्त - राधा अष्टमी, दुर्गाष्टमी (मासिक) और महालक्ष्मी व्रत का आरंभ है। राधा अष्टमी, श्री राधारानी के दिव्य प्रेम और भक्ति का उत्सव है। साथ ही मासिक दुर्गाष्टमी, शक्ति की आराधना और आत्मबल को जागृत करने का दिन है। महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत धन, सौभाग्य और सुख-शांति की कामना से होती है।
6 सितंबर को गणेश विसर्जन और अनंत चतुर्दशी है। यह खास दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा का पर्व है, जो समस्त दुखों और बंधनों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। इसी दिन गणेश विसर्जन भी होता है, जिससे यह और अधिक विशेष बन जाता है।