धर्म और अध्यात्म

Maa brahmacharini Puja: लक्ष्य पाना चाहते हैं तो नवरात्रि की दूसरी रात विद्यार्थी जरूर जपें यह मंत्र, मां ब्रह्मचारिणी करेंगी मनोकामना पूरी

Maa Brahmacharini Puja Vidhi 2024: नवरात्रि की दूसरी रात विद्यार्थियों के लिए अधिक खास होती है, यह दिन ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी मां ब्रह्मचारिणी के लिए समर्पित है, एक विद्यार्थी को सबसे अधिक इन्हीं चीजों की जरूरत होती है। इस दिन विद्यार्थी सच्चे मन से मां ब्रह्णचारिणी के सिर्फ एक मंत्र का जाप कर लें तो मां उसकी हर मनोकामना पूरी करेंगी ...

2 min read
Oct 03, 2024
Ma Brahmacharini Puja Vidhi 2024: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

Maa Brahmacharini Puja Vidhi 2024: विद्यार्थियों के लिए भी नवरात्रि का विशेष महत्व है, वैसे तो हर देवी से विद्यार्थी कुछ न कुछ सीख सकते हैं और पा सकते हैं। लेकिन ऐसे विद्यार्थी जो अनुशासन और परिश्रम के साथ पढ़ाई कर अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रयासरत हैं, उन्हें नवरात्रि में मां दुर्गा के आशीर्वाद के लिए कुछ समय जरूर निकलना चाहिए।

इसमें भी नवरात्रि के ठीक दूसरे दिन की रात उनके लिए सबसे खास होती है। इस दिन रात में मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की विशेष मंत्र की साधना करने से विद्यार्थी अपनी पढ़ाई को सफलता पूर्वक पूरा करने में सफल होंगे और निर्धारित लक्ष्य को पाएंगे । आइये जानते हैं विद्यार्थी मां ब्रह्मचारिणी की कैसे पूजा करें ….

ये भी पढ़ें

Navratri: नवरात्रि में प्रिय फूल चढ़ाने से माता रानी देती हैं नौ वरदान, कालरात्रि अचानक आए संकट से करती हैं रक्षा


मां ब्रह्मचारिणी का महत्व

नवरात्रि पर्व का दूसरा दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा के लिए समर्पित है। माता के इस स्वरूप को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है, और छात्रों का जीवन तपस्वियों का ही जीवन माना जाता है। इसलिए इनकी पूजा बहुत अधिक शुभ फलदायी होती है। साथ ही ऐसे विद्यार्थी जिनका चंद्रमा कमजोर हो और उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता हो, निर्धारित लक्ष्य न पाने का डर लगता हो, तो उन्हें मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से शीघ्र शुभ फल मिल सकता है।

विद्यार्थी ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा (Ma Brahmacharini Puja Vidhi 2024)

1. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना विद्यार्थ‍ियों के लिए सबसे उत्तम साधाना बताई गई हैं ।

2. दूसरे दिन रात को स्नानादि से शुद्ध होकर पूजा के लिए स्वयं, सफेद या पीले वस्त्र पहनें ।

3. मां दुर्गा के मंदिर में जाकर या घर के ही पूजा स्थल में माता के सामने पीले कपड़े का छोटा सा आसन बिछाएं और उस पर पीले चावल की ढेरी बनाकर माता को प्रतीक रूप में स्थापित करें और एक ओर गाय के घी का दीपक जलाएं, दूसरी तरफ तांबे का एक कलश भी नारियल सहित स्थापित करें ।

4. अगर गंगाजल हो तो आसपास थोड़ा सा छिड़क लें ।

5. एक कुशा का पीला आसन बिछाकर उस पर बैठ जाएं ।

5. मां ब्रह्मचारिणी को सफेद पदार्थों मिश्री, शक्कर या पंचामृत का थोड़ा सा भोग लगाएं, धूप, दीप, फूल अर्पित करें ।

6. अब विद्यार्थी अपने स्वाधिष्ठान चक्र’ पर माता की प्रकाश ज्योति का ध्यान करते हुए मन में जो भी कामना हो मां ब्रह्मचारिणी को उसे पूरा करने की प्रार्थना करें ।

7. मां ब्रह्मचारिणी के इस लघु मंत्र “ऊं ऐं नमः” का जप कम से कम 1100 बार सफेद स्फटिक की माला या फिर तुलसी का माला से करें ।

8. जप पूरा होने के बाद नीचे लिखे मंत्र का भी 108 बार जप करें ।

    ये भी पढ़ेंः

    मां ब्रह्मचारिणी मंत्र (brahmacharini mantra)


    दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू ।
    देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ॥

    नोटः मान्यता है कि सच्चे मन से ऐसा करने से निश्चित ही विद्यार्थियों की सभी मनोकामनाएं मां ब्रह्मचारिणी पूरा करती हैं ।

    ये भी पढ़ें

    kunjika stotram: सिद्ध कुंजिका स्त्रोत है मां को प्रसन्न करने की चाभी, यह है पढ़ने की विधि

    Also Read
    View All

    अगली खबर