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Mahagauri Mata Ki Aarti, Mantra, Bhog: देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप की भक्तिपूर्ण पूजा, जानिए महागौरी की आरती, मंत्र और भोग से जुड़ी जानकारी

Mahagauri Mata Ki Aarti Mantra: मां महागौरी, देवी दुर्गा का आठवां स्वरूप हैं, जिन्हें शुद्धता, शांति और सौंदर्य की देवी माना जाता है। मां महागौरी की आरती, मंत्र और भोग विधि के माध्यम से भक्त उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

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Sep 29, 2025
Goddess Mahagauri Worship|फोटो सोर्स – Freepik

Mahagauri Mata Ki Aarti, Mantra, Bhog: मां महागौरी, देवी दुर्गा का आठवां स्वरूप हैं, जिन्हें शुद्धता, शांति और सौंदर्य की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से जीवन में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि का वास होता है। मां महागौरी की आरती, मंत्र और भोग विधि के माध्यम से भक्त उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको मां महागौरी की आरती, शक्तिशाली मंत्र और भोग से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी देंगे, जिससे आपकी पूजा और भी प्रभावशाली और सफल हो सके।

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महागौरी के मंत्र (Mahagauri Mantra)

  • श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
  • या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

माता महागौरी की ध्यान

वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा महागौरी यशस्वनीम्॥

पूर्णन्दु निभां गौरी सोमचक्रस्थितां अष्टमं महागौरी त्रिनेत्राम्।
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर किंकिणी रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वंदना पल्ल्वाधरां कातं कपोलां त्रैलोक्य मोहनम्।
कमनीया लावण्यां मृणांल चंदनगंधलिप्ताम्॥

महागौरी की स्तोत्र पाठ

सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥

सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम्।
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥

त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।
वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

मां महागौरी की आरती (Mahagauri Mata Ki Aarti)


जय महागौरी जगत की माया। जय उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरा वहा निवास॥
चन्द्रकली और ममता अम्बे। जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे॥
भीमा देवी विमला माता। कौशिक देवी जग विख्यता॥
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती (सत) हवन कुंड में था जलाया। उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया। तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया। शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता। माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो। महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥

मां महागौरी का प्रिय भोग (Maa Mahagauri Bhog)

नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की उपासना की जाती है। मां महागौरी को सौम्यता, शुद्धता और करूणा की देवी माना जाता है। इन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्तजन विशेष भोग अर्पित करते हैं, जो न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक भी होता है।

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Published on:
29 Sept 2025 03:50 pm
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