Mahalaxmi Vrat 2025: महालक्ष्मी व्रत का पालन करने से धन और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। यह व्रत गजसालक व्रत नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस व्रत में गज पर बैठी मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।
Mahalaxmi Vrat 2025 Date: हिंदू धर्म में हर पर्व, हर व्रत और त्योहार का अपना अलग और विशेष महत्व है। इनमें से एक व्रत है महालक्ष्मी व्रत, जो हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है, जो विशेष रूप से मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए रखा जाता है। यह व्रत 16 दिनों तक चलता है। शास्त्रों में यह व्रत अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। इस व्रत का पालन करने से धन और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। यह व्रत गजसालक व्रत नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस व्रत में गज पर बैठी मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। कुछ लोगों के मन में इस व्रत से जुड़ी असमंजस है कि महालक्ष्मी व्रत की सही तिथि 14 है या 15 सितंबर? पंचांग के अनुसार किस दिन रखना श्रेष्ठ रहेगा और किस समय पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होगी यह जानना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं।
महालक्ष्मी व्रत पितृपक्ष के दौरान भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को शुरू होगा। यानी कि 14 सितंबर 2025 रविवार को रखा जाएगा। यह व्रत प्रातः 5 बजकर 4 मिनट पर शुरू होगा, वहीं अगले दिन सुबह 03:06 बजे तक रहेगा। क्योंकि हिंदू धर्म में शुक्रवार से व्रत की शुरुआत को शुभ माना जाता है। 14 सितंबर को ही अष्टमी तिथि रहेगी, इसलिए महालक्ष्मी व्रत इसी दिन किया जाएगा।
गजलक्ष्मी व्रत के दिन मां को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाना विशेष फलदायी माना गया है। इस अवसर पर मालपुए का भोग चढ़ाना अत्यंत शुभ है। मान्यता है कि मालपुए से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और साधक को धन-धान्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।