Paush Mah Me Surya Puja: हिंदी पंचांग के दसवें महीने पौष में सूर्य देव की पूजा की परंपरा है। इस महीने सूर्य को दिया अर्घ्य पुण्यफल देने वाला होता है। लेकिन क्या आपको मालूम है पूस में किस नाम के सूर्य पूजा करनी चाहिए, आइये जानते हैं ...
Paush Mah Me Surya Puja: जयपुर के ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार हिंदी पंचांग का दसवां महीना पौष 16 दिसंबर से 13 जनवरी तक चलेगा।
पुराणों में उल्लेख है कि पौष में सूर्य पूजा करने से उम्र बढ़ती है। वहीं हर महीने सूर्य के अलग रूप की पूजा करने का विधान है, और पौष मास में भग नाम के सूर्य की उपासना की जाती है। इसके अलावा इस महीने भगवान विष्णु के नारायण रूप की पूजा करनी चाहिए। इससे आपके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
इसके साथ ही इस महीने गंगा, यमुना, अलकनंदा, शिप्रा, नर्मदा, सरस्वती नदियों में स्नान, प्रयागराज में कल्पवास की परंपरा है। मान्यता है कि इस महीने में तीर्थ दर्शन, व्रत-उपवास, दान, पूजा-पाठ, पवित्र नदियों में स्नान और धार्मिक कामों से कई गुना अधिक पुण्य फल मिलता है।
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार पौष मास में रोज सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। इस महीने में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान करते समय सभी तीर्थों का और पवित्र नदियों का ध्यान करेंगे तो घर पर ही तीर्थ स्नान करने का पुण्य मिल सकता है।
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार रोज सुबह स्नान के बाद घर के आंगन में ऐसी जगह चुनें, जहां से सूर्य देव के दर्शन होते हैं। इसके बाद तांबे के लोटे में जल भरें, जल में कुमकुम, चावल और फूल भी डालें। इसके बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।
सूर्य को अर्घ्य देते समय, या पूजा में ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ खगाय नम:, ऊँ भास्कराय नम: आदि मंत्रों का जप करें। सूर्य को जल चढ़ाने के बाद जरूरतमंद लोगों खाना दान करें। आप चाहें तो अनाज और धन का दान भी कर सकते हैं। किसी गौशाला में भी दान-पुण्य करें।
अभी शीत ऋतु का समय है। इन दिनों में रोज सुबह जल्दी उठने और सुबह-सुबह की धूप में रहने से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। ठंड के दिनों में सुबह-सुबह की धूप त्वचा की चमक बढ़ाती है। धूप से विटामिन डी मिलता है, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। ठंड से होने वाली बीमारियों से बचाव होता है।