Safala Ekadashi Totka : मयंक कुशवाहा ने बताया सफला एकादशी (15 दिसंबर) पर अचूक उपाय! बेटे-बेटी की सफलता, भटकन दूर करने के लिए मां नमक, फूल, हरा कार्ड 11 बार उतारकर जला दें। जानें पूरा टोटका और मंत्र
Safala Ekadashi upay for success : डिजिटल क्रिएटर मयंक कुशवाहा जो ऑनलाइन mr.highthink के नाम से जाने जाते हैं। मयंक मयंक कुशवाहा ने एक गजब का टोटका बताया है ,उन्होंने कहा, 15 दिसंबर को सफला एकादशी है। अगर आपकी मां ज़िंदा हैं, तो ये काम उनसे करवाएं , आज के दिन ये काम जरूर करें। जितनी भी माताएं हैं, अपने बेटे या बेटी के लिए ये करें। लड़का हो या लड़की, फर्क नहीं पड़ता, इससे काम बनना शुरू हो जाता है। उम्र भी कोई मायने नहीं रखती—चाहे बच्चा 40 साल का हो, 45 का हो, या उससे कम उम्र का हो, ये करना जरूरी है। आप अगर ये करने जा रहे हैं, तो बस शुरू कर दीजिए। काम बनने लगेगा। अगर पहले पास नहीं हो पाए, तो अब रास्ता मिल जाएगा। और अगर फिर भी न हो पाए, तो चलिए, कोई बात नहीं।
मयंक कुशवाहा ने बताया कई बार ऐसा होता है कि लड़का काम में ढंग से नहीं लग रहा, इधर-उधर भटक रहा है, और आप उसकी मदद में पैसा खर्च कर रहे हैं। सोचिए, कितनी बार आपने अपने बेटे पर खर्च किया है? बार-बार वही खर्चा, वही चिंता। अब 15 दिसंबर सफला एकादशी को जो करना है, वो ये है—एक कपड़ा लेना है, एक सफेद कागज लेना है, उसमें थोड़ा सा नमक डालना है, 11 फूल डालने हैं, एक हरा कार्ड डालना है, और 3 चमकीले पत्ते भी डालने हैं। ये सब डालकर, उसे अपने बेटे या बेटी पर 11 बार उतारना है—ओम नम, भज, तेवास, दिवा, नम—ये मंत्र बोलते हुए। फिर वही चीज़, कंडे पर रखकर जला दीजिए।
तारीख और समय जानकारी तारीख और समय (IST) एकादशी तिथि शुरू 14 दिसंबर 2025 – शाम 06:49 बजे एकादशी तिथि खत्म 15 दिसंबर 2025 – रात 09:19 बजे सफला एकादशी व्रत की तारीख 15 दिसंबर 2025 (सोमवार) पाराना का समय 16 दिसंबर 2025 सुबह 07:09 बजे – सुबह 09:15 बजे
सफला एकादशी का मतलब है “सफलता देने वाली एकादशी।” यह दिन जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का प्रतीक है। पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति पापों से मुक्त हो जाता है, और जीवन में सभी प्रयास सफल होते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा: एकादश्यां तु यो भक्ताः कुर्वन्ति नियताः शुचिः। ते यांति परमं स्थानं विष्णुः परमपूजितम्।। मतलब: जो भक्त पूरी श्रद्धा और नियम से एकादशी का व्रत करता है, उसे भगवान विष्णु का परम धाम मिलता है।