
Longest Solar Eclipse of the Century : ज्योतिषियों ने दी 'महाविनाश' की चेतावनी? मेष राशि में शनि का खेल (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)
Longest Solar Eclipse of the Century : 2 अगस्त, 2027 को आसमान में कुछ बड़ा होने जा रहा है — एक ऐसा पूर्ण सूर्य ग्रहण, जो पूरे सौ साल में सबसे लंबा होगा। अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और एशिया के कई देशों में लोग इसे देख पाएंगे, लेकिन इस बार बात सिर्फ खगोलीय तमाशे की नहीं है। ज्योतिषियों की नजर में यह घटना काफी ज्यादा है। वजह? ग्रहण के वक्त शनि, वो भी वक्री होकर, मेष राशि से गुजर रहा होगा। शनि का मेष में वक्री होना इतिहास में हमेशा से हलचल और सिस्टम के हिलने-डुलने की घंटी बजाता रहा है। इस बार भी ज्योतिष का कहना है कि यह ग्रहण दुनिया भर में गड़बड़ी, टकराव और पुराने कर्मों के हिसाब-किताब की बड़ी लहर ला सकता है। (Surya Grahan 2027)
एक तो यह काफी लंबा है 6 मिनट से भी ज्यादा का होगा । आमतौर पर पूर्ण सूर्य ग्रहण दो-तीन मिनट में खत्म हो जाता है, पर इस बार चांद धरती के सबसे करीब, पेरिजी पॉइंट पर होगा, जिससे वो सूरज को ज्यादा देर तक छुपा लेगा। मिस्र, सऊदी अरब, यमन, भारत — कई अहम इलाकों में अंधेरा छा जाएगा। वैज्ञानिकों के लिए ये एक सुनहरा मौका है, क्योंकि वे सोलर कोरोना जैसी घटनाओं को करीब से देख सकते हैं। लेकिन ज्योतिषियों की बात करें तो, उनके लिए यह अलाइनमेंट जरा भी सुकून देने वाली नहीं है।
शनि यानी कर्म, अनुशासन और पुरानी व्यवस्थाओं का ग्रह। जब ये मेष में आता है जो कि खुद में जिद्दी, तुरंत रिस्पॉन्स देने वाली और आग जैसी ऊर्जा रखता है तो दोनों की टक्कर सीधे तौर पर महसूस होती है। शनि का वजन और मेष का गुस्सा मिलकर एक अजीब सा तनाव खड़ा कर सकते हैं। ये वक्त होता है जब पावर स्ट्रक्चर हिल सकते हैं, नेता कसौटी पर आ सकते हैं और पुरानी बातें सामने आ सकती हैं, जिनसे लोग काफी समय से बचते आ रहे थे।
इतिहास देखना हो तो पिछली बार शनि ने जब मेष में ट्रांजिट किया था (1996-1999), तो दुनिया में काफी कुछ हुआ था। भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध, कोसोवो की लड़ाई, एशियाई वित्तीय संकट, भूकंप — सब कुछ उसी समय के आसपास हुआ। ये कोई इत्तेफाक नहीं लगता। हर बार जब शनि मेष में आता है, लीडरशिप की परीक्षा शुरू हो जाती है, सेना की हलचल या जनता की बेचैनी बढ़ जाती है।
इस बार का सूर्य ग्रहण सिर्फ आसमान के नजारे तक सीमित नहीं है। यह एक कॉस्मिक रीसेट जैसा है, जो हमें ऐसे सवालों से भिड़ा देगा, जिनसे हम बार-बार बचते रहे हैं। जवाबदेही, संयम और सही दिशा में लीडरशिप — ये सब अब पहले से कहीं ज्यादा अहम हो जाएंगे।
कभी-कभी ज्योतिष वाकई चौंका देता है। 2027 का ग्रहण देखिए—मेष राशि में और उसी वक्त शनि भी वहीं है। ये संयोग मामूली नहीं है। इससे ये लगता है कि ये ग्रहण किसी बड़े बदलाव या गड़बड़ी की शुरुआत बन सकता है, जैसे किसी सुलगती चिंगारी पर किसी ने पेट्रोल डाल दिया हो। ऊपर से अगर आप उन इलाकों को भी जोड़ लें जो ग्रहण की सीधी लाइन में हैं और जियोपॉलिटिकल टेंशन झेल रहे हैं, तो पूरी तस्वीर और भी तेज़ हो जाती है।
अब ग्रहण के समय के प्लैनेटरी आस्पेक्ट्स की बात करें तो, कहानी में और भी लेयर जुड़ जाती हैं। उस वक्त शनि और प्लूटो स्क्वेयर बनाएंगे। ये दोनों जब टकराते हैं, तब अक्सर पॉवर स्ट्रगल, सिस्टम का टूटना या जबरदस्ती बदलाव देखने को मिलते हैं। ये बदलाव हल्के-फुल्के नहीं होते—कभी-कभी सब कुछ बदल जाता है। शनि-प्लूटो का मेल पुरानी चीज़ों को हिलाकर रख देता है, और कुछ नया उगता है। थोड़ी राहत वाली बात ये है कि उसी समय सिंह में बैठा मंगल, शनि के साथ ट्राइन बना रहा होगा। इससे एक तरह की मिलिट्री टोन आती है—डिसिप्लिन है, लेकिन ताकत भी है। यानी, फैसले तेज़ हो सकते हैं, पर वो सोच-समझकर लिए जाएंगे। फिर भी, माहौल में एक एग्रेसिव अंडरटोन मौजूद रहेगी।
ज्योतिष में सूर्य ग्रहण को पोर्टल मानते हैं—एक ऐसा दरवाजा, जो किस्मत बदल सकता है। इस बार, शनि मेष में है, तो लीडरशिप, आत्म-छवि, आजादी और जिम्मेदारी जैसे मुद्दे उभरेंगे। साथ ही, मेष में नॉर्थ नोड भी है, जो पूरी घटना को और भी कर्म से संबंधित बना देता है। ये सब मिलकर, लोगों और समाज को खुद को परखने, ज़्यादा आज़ादी लेने और पुराने कंट्रोल सिस्टम से बाहर निकलने के लिए मजबूर करेगा। लेकिन शनि की वजह से ये रास्ता आसान नहीं होगा। ग्रोथ का मौका है, लेकिन सबक भारी होंगे।
कयामत का दिन बोलना आसान है, लेकिन ज्योतिष में इसका मतलब हमेशा तबाही नहीं होता। कई बार ये पुराने भ्रम या बेकार हो चुके सिस्टम के टूटने का वक्त होता है। इस बार, हालात, प्लैनेट्स और हिस्ट्री सब मिलकर 2027 के इस ग्रहण को असली दुनिया में असरदार बना रहे हैं। क्या-क्या हो सकता है? ये देखिए:
जहां-जहां ग्रहण दिखेगा, वहां असर जल्दी दिख सकता है। लेकिन जिन लोगों की कुंडली में मेष, तुला, कर्क या मकर राशि में ग्रह हैं, वो भी अगर शुरुआत की डिग्री (0°–5°) पर हैं, तो उनके लिए ये वक्त थोड़ा अलग हो सकता है। करियर बदल सकता है, पहचान को लेकर कुछ नया सोच सकते हैं, रिश्तों या सेहत में भी बड़ी हलचल आ सकती है। शनि पूछकर नहीं आता। वो धीरे-धीरे, लेकिन लगातार, हमें उन्हीं चीज़ों से मिलवाता है जिनसे हम आमतौर पर बचते रहते हैं। इस बार का ग्रहण भी वही सच्चाइयां सामने ला सकता है जिनसे हम आंखें चुराते थे—चाहे वो आपके आसपास हो या आपके अंदर।
आखिरी बात, चाहे ये घटना कयामत लाए या न लाए, इतना तय है कि ये एक बड़ा मोड़ है। आसमान अंधेरा होगा, तापमान नीचे आ जाएगा, और कुछ मिनटों के लिए, एक अजीब सी शांति छा जाएगी—जो सिर्फ एक पूरा ग्रहण ही ला सकता है। लेकिन असली बदलाव अभी बाकी है। अगले कुछ महीनों और सालों में शनि हमें बार-बार आज़माएगा—हमारी हिम्मत, हमारी लीडरशिप और आगे बढ़ने की दिशा। बस, यही असली इम्तिहान है।
Updated on:
14 Dec 2025 11:54 am
Published on:
14 Dec 2025 11:53 am
बड़ी खबरें
View Allधर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
