धर्म और अध्यात्म

Shardiya Navratri 2025: मां दुर्गा के पूजन और मंत्र जाप करते समय इन खास बातों का रखें ध्यान

Shardiya Navratri 2025: आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मां दुर्गा के नौ रूपों की भक्ति में डूबे श्रद्धालु पूरे मनोयोग से व्रत, पूजा और साधना करते हैं।

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Sep 19, 2025
Shardiya Navratri 2025 mantra chanting tips|फोटो सोर्स - Freepik

Shardiya Navratri 2025: हर साल शारदीय नवरात्रि का आगमन भक्तों के जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लेकर आता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मां दुर्गा के नौ रूपों की भक्ति में डूबे श्रद्धालु पूरे मनोयोग से व्रत, पूजा और साधना करते हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाला यह पर्व शक्ति उपासना का सबसे बड़ा अवसर है, जिसमें भक्त मां से अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं।

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Shardiya Navratri Spiritual Rituals 2025: व्रत और साधना का महत्व

नवरात्रि में व्रत और उपवास को अत्यंत पवित्र माना गया है। उपवास न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी लाभकारी होता है, क्योंकि इससे शरीर की शुद्धि होती है। इस दौरान मांसाहार, मद्यपान और नकारात्मक विचारों से दूर रहने की परंपरा है। माना जाता है कि संयम और साधना से किया गया व्रत मन को अनुशासित करता है और भक्ति को गहरा बनाता है।

मंत्र जाप के नियम और समय (Maa Durga mantra chanting Rules)

नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी माना गया है। परंतु मंत्र जप का सही समय और तरीका जानना भी उतना ही जरूरी है।

  • सुबह सूर्योदय का समय – इस वक्त मंत्र जप करना सबसे शुभ माना जाता है। इससे सुख, सौभाग्य और यश की प्राप्ति होती है।
  • दोपहर का समय – यदि किसी विशेष फल की इच्छा हो तो मंत्र जप दोपहर के समय करना चाहिए।
  • संध्याकाल – शांति और कल्याण के लिए संध्या से पहले मंत्र जाप श्रेष्ठ है, जबकि संध्या के समय मारण कर्म के लिए जाप का उल्लेख मिलता है।
  • जप से पहले संकल्प और पूजा- मंत्र जप शुरू करने से पहले संकल्प लेना अनिवार्य माना गया है। संकल्प के बिना किया गया जाप अधूरा माना जाता है। इसके बाद इष्टदेव और देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर, दीप और धूप जलाकर ही जाप करना चाहिए।
  • जप के दौरान सावधानियां- मंत्र जाप के समय मन को एकाग्र करना आवश्यक है। इस दौरान क्रोध करना, आलस्य, झपकी लेना, छींकना या पैर फैलाकर बैठना अशुभ माना जाता है। ऐसी चूक से जप का पूरा फल प्राप्त नहीं हो पाता।

Maa Durga Mantra: मां दुर्गा के मंत्र

  1. दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:

स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।

दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या

सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽ‌र्द्रचित्ता॥

  1. देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।

रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

  1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।





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