Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने एक बार एक शराबी को प्रणाम किया, जो सुनने में थोड़ा असामान्य और दिलचस्प लगता है। यह घटना लोगों के लिए एक प्रेरणादायक और सोचने पर मजबूर करने वाला किस्सा बनी।
Premanand Maharaj Spiritual Story: आध्यात्मिक संत प्रेमानंद महाराज के भक्त उनके सत्संग को सुनने के लिए दूर-दूर से आते हैं। लोग उनके सामने अपने दुख साझा करते हैं और समाधान की आशा रखते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर उनके उपदेशों के वीडियो वायरल होते रहते हैं। ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक शराबी ने प्रेमानंद जी को ऐसा ज्ञान दिया जो सुनने में थोड़ा असामान्य और दिलचस्प लगता है। यह घटना लोगों के लिए एक प्रेरणादायक और सोचने पर मजबूर कर देने वाला किस्सा बन गई है। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह और प्रेमानंद महाराज ने इस अनुभव के माध्यम से क्या संदेश दिया।
जब प्रेमानंद महाराज 22-23 साल के थे, तब एक दिन गंगा किनारे उनकी मुलाकात एक शराबी से हुई। उस आदमी ने उन्हें अपने पास बुलाया, और महाराज को उसकी शराब की बदबू महसूस हुई। बातचीत के दौरान वह शराबी उन्हें बैकुंठ धाम ले गया, जहां उसने एक सवाल पूछा "भगवान किस चीज से बने हैं?" महाराज ने कहा कि भगवान भगवान हैं, लेकिन उस आदमी ने स्पष्ट किया कि भगवान संगमरमर से बने हैं।
उसने समझाया कि संगमरमर को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा गया, लेकिन वह कभी टूटता नहीं, और उसी की वजह से भगवान की मूर्तियां बन पाईं। फिर उसने कहा कि जिंदगी में भी कभी टूटना नहीं चाहिए, चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं।
प्रेमानंद जी कहते हैं कि उस शराबी की कही बातों ने उनके जीवन का एक बड़ा उद्देश्य बताया। वह कहते हैं कि अगर उपदेश सही हो, तो शबरी से भी सीख लेने में कोई बुराई नहीं है। फिर वह कहते हैं कि अगर हमें सही उपदेश कहीं से भी मिल रहा है, तो हमें उससे सीख लेनी चाहिए। यह नहीं देखना चाहिए कि कहने वाला कौन है।
प्रेमानंद जी आगे समझाते हैं कि जैसे हम एक मिठाई की दुकान में जाकर अपनी पसंद की मिठाई लेते हैं, यह नहीं देखते कि मिठाई बेचने वाला कौन है। उसी तरह अच्छी बात जहाँ से भी मिले, सीख लेनी चाहिए चाहे वह कोई छोटा व्यक्ति हो, विरोधी हो, या समाज में तुच्छ समझा जाने वाला व्यक्ति ही क्यों न हो। लेना सिर्फ ज्ञान है, उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए।