Shani Shingnapur Shetphal : महाराष्ट्र के दो अनोखे गांव शनि शिंगणापुर (अहमदनगर) और शेतफल (सोलापुर) अपनी खास लाइफस्टाइल के कारण विश्व प्रसिद्ध है। शनि शिंगणापुर में घरों में दरवाजे नहीं होते, लेकिन आज तक कोई चोरी नहीं हुई। वहीं, शेतफल में लोग सांपों को परिवार का सदस्य मानकर उनके साथ शांति से रहते हैं। इस लेख में पढ़िए कि किस वजह से यहां के लोग इस तरह का जीवन जीते हैं और यहां का रहस्य क्या है?
Shani Shingnapur and Shetphal : भारत कई अनोखी चीजों से भरा हुआ है। यहां जो होता है, उसके आगे कई बार साइंस भी दांतों तले उंगली दबा लेता है। आज हम आपको ऐसे ही दो अजुबों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें जानने के बाद आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या 21वीं सदी में भी ये संभव है। हम बात कर रहे हैं, महाराष्ट्र के दो ऐसे गावों की जहां एक ओर घरों में दरवाजे ही नहीं होते और दूसरी ओर लोग सापों को अपना परिवार मानकर साथ रखते हैं।
शनि शिंगणापुर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है। यहां हर घर में, चाहे नया हो या पुराना दरवाजे नहीं होते। न कोई ताला न ही कोई कुंडी। सिर्फ दरवाजे की चौखट होती है। गांव वाले कहते हैं कि, यह उनकी आस्था है। भगवान शनि देव उनकी रक्षा करते हैं। हैरानी वाली बात ये है कि आज के जमाने में, जब दुनिया हाइ सेक्योरिटी लॉक से भरी है, तब इस गाव में बिना तालों के भी चोरी का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
शेतफाल महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में है। इस गांव में सापों को पालतू जानवर की तरह नहीं, परिवार के सदस्य की तरह घर में रखा जाता है। गांव के हर घर में सांपों को पूरी आजादी मिली हुई है। सांप कहीं भी घूम सकते हैं और अपना भोजन कर सकते हैं। गांव वाले उन्हें नजरअंदाज नहीं करते बल्कि इंसानों की तरह ही पूरा सम्मान और प्यार देते हैं।
इस युग में जब सांपों को देखते ही लोग उन्हें मारने का सोचते हैं, तब शेतफाल गांव एक अनोखी मिसाल खड़ी करता है। अन्य लोगों के इस गांव से सीखना चाहिए, कि सांप मौत नहीं बल्कि प्यार के हकदार होते हैं। गांव वालों का कहना है कि, भगवान के आशीर्वाद से आज तक गांव के किसी भी व्यक्ति को सांप ने नुकसान नहीं पहुंचाया।