हमेशा बना रहता है हादसों का डर, चौबीसों घंटे गुजरते हैं भारी वाहन, फिर भी जिम्मेदार बेखबर
बीना. कई गांव के साप्ताहिक बाजार अभी भी सड़क के किनारे लग रहे हैं। सडक़ के किनारे ही दुकानें सजती हैं और ग्राहकों की भीड़ से यातायात बाधित होता है। साथ ही हादसों का भी डर बना रहता है। कुछ इसी प्रकार का हाल खिमलासा का है, जहां बीना-मालथौन स्टेट हाइवे पर बाजार लगता है, लेकिन पंचायत द्वारा अभी तक जगह की तलाश नहीं की गई है।
दरअसल खिमलासा में हाइवे पर हाट बाजार लगने के कारण रविवार को दिनभर जाम की स्थिति निर्मित होती है, जिन जगहों पर बाजार लगता है, वहां वाहनों की कतार लग जाती हैं। कई बसें निर्धारित समय पर गंतव्य तक नहीं पहुंच पाती हैं। इस सडक़ पर वाहनों की रफ्तार भी तेज होती है, जिससे हादसों का डर बना रहता है।
सुरक्षा के नहीं हैं कोई इंतजाम
सडक़ किनारे लगने वाले बाजार में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। थाना से बाजार वाले स्थल पर एक सिपाही तक नहीं भेजा जाता है। सडक़ के बीच डिवाइडर पर दुकान लगने से दो भारी वाहनों को साइड लेने की जगह नहीं बचती है। जाम खुलवाने के लिए पुलिस की व्यवस्था न होने से कई बार 15 मिनट से भी अधिक वक्त तक जाम लगा रहता है।
वर्षों से लग रहा बाजार, सुविधाएं कुछ भी नहीं
सडक़ किनारे गांव के साप्ताहिक बाजार उस समय से लग रहे हैं, जब इन सडक़ों पर वाहनों का आवागमन ज्यादा नहीं थी, लेकिन अब वाहनों का दबाव बढ़ गया है और फिर भी ग्राम पंचायत नई जगह की तलाश नहीं कर पाई है और न ही कोई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यदि कोई भारी वाहन अनियंत्रित हो गया, तो सब्जी बेचने वालों सहित खरीदार भी इसकी चपेट में जाएंगे और बड़ा हादसा हो जाएगा।