stubble burning : सागर में पराली जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कलेक्टर ने बड़ा फैसला लिया है। इसे लेकर किसानों को चेतावनी दी गई है कि अगर खेतों में धुआं उठता पाया गया तो उन्हें बड़ा जुर्माना देना होगा।
stubble burning : मध्य प्रदेश के सागर में प्रदूषण को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। कलेक्टर संदीप जीआर ने पराली और नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाते हुए जुर्माने का आदेश जारी किया है। खेतों में आग और उससे उठने वाले धुएं के कारण वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। प्रशासन ने किसानों को चेतावनी दी है कि अगर खेतों में धुआं उठता पाया गया, तो जुर्माने के साथ कानूनी कार्रवाई भी होगी।
सागर जिला कलेक्टर ने धारा 144 के तहत पराली जलाने पर रोक लगाई है। आदेश में कहा गया है कि खेतों में धान के अवशेष या गेहूं के तनों में आग लगाने पर सख्ती बरती जाएगी। प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत यह फैसला लिया गया है। प्रशासन का कहना है कि वायु प्रदूषण रोकने के लिए यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू रहेगा।
किसानों के लिए जुर्माने की राशि खेत के आकार के आधार पर तय की गई है। 2 एकड़ तक के किसानों पर 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ के किसानों पर 5000 रुपये, और 5 एकड़ से बड़े किसानों पर 15,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
कलेक्टर ने आदेश का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिए गांवों में मुनादी करवाने और इसे सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर चिपकाने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने साफ किया है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। यह कदम सागर जिले को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।