Sambhal News: यूपी के संभल निवासी कैंसर पीड़ित बुजुर्ग अपने ही बेटे की बेरुखी के चलते इलाज और भरण-पोषण के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
Father forced to stumble in Sambhal: संभल जिले से रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग पिता अपने ही बेटे की बेरुखी के चलते इलाज और भरण-पोषण के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। चंदौसी के रहने वाले अशोक चौधरी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और अपने बेटे से मदद की आस लगाए बैठे हैं। लेकिन उनका बेटा, जो नोएडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी में ऊंचे पद पर कार्यरत है, पिता की ओर आंख उठाकर भी नहीं देख रहा।
अशोक चौधरी ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मेहनत-मशक्कत करके बेटे और बेटी को बेहतर शिक्षा और जीवन देने में लगा दी। यहां तक कि उन्होंने अपनी पैतृक जमीन तक बेटे की पढ़ाई के लिए बेच दी। उनकी कोशिशों का नतीजा ये रहा कि बेटा अतुल आज नोएडा की एक बड़ी कॉरपोरेट कंपनी में कार्यरत है, जबकि बेटी इंग्लैंड में नौकरी कर रही है।
बुजुर्ग अशोक चौधरी का दर्द छलक पड़ा जब उन्होंने बताया कि जैसे ही बेटा अपने पैरों पर खड़ा हुआ, उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसी बीच अशोक चौधरी को कैंसर ने घेर लिया और रिटायरमेंट के बाद मिली जमा पूंजी भी इलाज में खत्म हो गई। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि बुजुर्ग को खाने तक के लाले पड़ गए हैं। वो एक छोटी सी कोठरी में अकेले जीवन के अंतिम पड़ाव पर फाकाकशी कर रहे हैं।
अशोक चौधरी ने बताया कि वह अपने बेटे की उपेक्षा से टूट चुके हैं। इलाज और भरण-पोषण की जिम्मेदारी के लिए वह जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक को शिकायती पत्र भेज चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक कोई मदद नहीं मिल पाई है।
आज एक पिता जिसने अपने बच्चों को सब कुछ न्योछावर कर बेहतर भविष्य दिया, वह खुद इंसाफ की उम्मीद में दर-दर भटक रहा है। अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अंतिम उम्मीद जताई है कि उन्हें न्याय और इलाज के लिए मदद मिल सके।