Sambhal News: यूपी के संभल से सपा विधायक इकबाल महमूद ने प्रेसवार्ता में बीजेपी की नीतियों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मुसलमान हमेशा देशभक्त था, है और रहेगा। उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठ को डर और वोट बैंक की राजनीति का हथियार बताया और दिल्ली ब्लास्ट में मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने की आलोचना की।
Iqbal mahmood statement in Sambhal UP: संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इकबाल महमूद ने बांग्लादेशी घुसपैठ और नागरिकता मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला बोला है। रायसत्ती थाना क्षेत्र के मियां सराय स्थित आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि देश में रहने वाले लोग यहीं रहेंगे और जो विदेशी हैं वो बाहर जाएंगे, लेकिन इस मुद्दे पर सिर्फ मुसलमानों को निशाना क्यों बनाया जा रहा है, इसका जवाब सत्ता पक्ष को देना होगा।
विधायक ने स्पष्ट कहा कि मुसलमान देशभक्त था, है और हमेशा रहेगा, कोई उसे संदिग्ध मानने की गलती न करे।
इकबाल महमूद ने दावा किया कि बांग्लादेशी घुसपैठ मुद्दा सिर्फ डर फैलाने का हथियार है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब न रिश्तेदारी है, न रोज़गार, न कोई लाभ, तो बांग्लादेशी यहां आएंगे क्यों? यह मुद्दा सिर्फ मुसलमानों को टारगेट करने के लिए हवा दी जा रही है और यही बीजेपी की वोट बैंक रणनीति है।
दिल्ली ब्लास्ट में मुस्लिम डॉक्टरों के नाम आने पर विधायक ने कहा कि कुछ आतंकियों की करतूत से पूरी कौम को बदनाम नहीं किया जा सकता। जो देश के खिलाफ है, चाहे कोई भी हो, वह मुसलमान कहलाने का हकदार ही नहीं। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत कमजोर नहीं, देश के खिलाफ खड़े होने वालों का अंत निश्चित है और उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा।
महमूद ने कहा कि देश का मुसलमान न कभी डरा है, न डरेगा। उन्होंने दावा किया कि 2014 के बाद से धार्मिक ध्रुवीकरण और नफरत की राजनीति बढ़ी है, जबकि इससे पहले भारत में हिंदू-मुसलमान एक परिवार की तरह रहते आए हैं। उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति हमेशा नहीं चलेगी, देश की जनता जागेगी और एकता फिर मजबूत होगी।
इकबाल महमूद ने 85 करोड़ लोगों को मिल रहे सरकारी राशन के मुद्दे पर कहा कि अगर राशन सबको मिल रहा है तो फिर बीजेपी इसका श्रेय धर्म के नाम पर क्यों बांट रही है? उन्होंने पूछा कि संविधान कहां कहता है कि हिंदू को मिलेगा और मुसलमान को नहीं? उनका कहना था कि संविधान को छोड़कर सत्ता ने राजनीति का चश्मा पहन लिया है।
उन्होंने इलाहाबाद कुंभ में भगदड़ के दौरान मुस्लिम समाज की मदद का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय मुसलमानों ने घर खोले, भोजन दिया, मस्जिदें और मदरसे खोले, वहां न हिंदू था न मुसलमान, वहां सिर्फ इंसानियत थी। उन्होंने कहा कि यह उदाहरण नफरत फैलाने वालों के लिए आईना है।