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‘दाढ़ी-टोपी ही बन गई पहचान और सजा’: AIMIM जिलाध्यक्ष का आरोप- देश में मुसलमान असुरक्षित, नीतीश कुमार मांगें माफी

AIMIM Allegations: यूपी के संभल में AIMIM जिलाध्यक्ष असद अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि देश में मुसलमानों को दाढ़ी-टोपी जैसी पहचान के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है। मॉब लिंचिंग और हिजाब से जुड़ी घटनाओं को लेकर उन्होंने नीतीश कुमार से देश से माफी मांगने की बात कही है।

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सम्भल

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Mohd Danish

Dec 20, 2025

aimim abdullah alleges muslims targeted on identity demands nitish kumar apology

‘दाढ़ी-टोपी ही बन गई पहचान और सजा’ | Image Source - 'X' @IANS

AIMIM Abdullah Statement: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के जिलाध्यक्ष असद अब्दुल्ला ने देश में मुसलमानों की मौजूदा स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई है। संभल में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि आज के दौर में मुसलमानों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है और यह स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है।

दाढ़ी और टोपी देखकर बढ़ रही हिंसा की घटनाएं

असद अब्दुल्ला ने कहा कि दाढ़ी और टोपी देखकर मुसलमानों के साथ भेदभाव, दुर्व्यवहार और हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने दावा किया कि विशेष रूप से उन राज्यों में ऐसी घटनाएं ज्यादा सामने आ रही हैं, जहां भाजपा या उसकी सहयोगी सरकारें सत्ता में हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल संयोग नहीं बल्कि एक सोची-समझी मानसिकता का परिणाम है।

पटना मॉब लिंचिंग का उदाहरण देकर उठाए सवाल

AIMIM जिलाध्यक्ष ने पटना में हाल ही में हुई मॉब लिंचिंग की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह घटना देश के कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे मामलों में शामिल लोगों को सत्ताधारी दलों का अप्रत्यक्ष संरक्षण मिलता है, जिसके चलते अपराधियों में न तो कानून का डर है और न ही सख्त कार्रवाई का भय।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग

असद अब्दुल्ला ने मांग की कि मॉब लिंचिंग जैसे गंभीर अपराधों की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालतों में की जाए। उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों को त्वरित और कड़ी सजा नहीं मिलेगी, तब तक इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाना संभव नहीं है।

हिजाब खींचने की घटनाओं को बताया असंवैधानिक

बिहार में सामने आई हिजाब खींचने और मुस्लिम महिलाओं के साथ कथित दुर्व्यवहार की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए AIMIM नेता ने इन्हें बेहद शर्मनाक और असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।

हिजाब को बताया धार्मिक स्वतंत्रता का हिस्सा

असद अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि इस्लाम में हिजाब पहनना किसी पर थोपा गया नियम नहीं बल्कि व्यक्तिगत आस्था और धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़ा विषय है। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिजाब या नकाब पहनती हैं, उनके साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं हो सकता।

महिलाओं की सुरक्षा पर सरकार को घेरा

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सहयोगी सरकारों में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान दोनों खतरे में हैं। AIMIM जिलाध्यक्ष ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है, जिससे समाज में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा हो रहा है।

नीतीश कुमार देश से मांगे माफी

नीतीश कुमार पर सीधा निशाना साधते हुए असद अब्दुल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहार में मुसलमानों के खिलाफ घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने हिजाब से जुड़ी घटनाओं को “नीच हरकत” बताते हुए मांग की कि नीतीश कुमार को इस पूरे मामले पर देश से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।