सम्भल

Sambhal Violence: सांसद बर्क और मस्जिद कमेटी के सदर पर बड़ी साजिश का आरोप, सीडीआर और गवाहों से मिले सबूत

Sambhal Violence News: जामा मस्जिद सर्वे के विरोध में हुई हिंसा की साजिश में सांसद जियाउर्रहमान बर्क और मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट का नाम सामने आया है। पुलिस चार्जशीट के मुताबिक, सांसद के कहने पर उनके सहायक के पिता रिजवान ने भीड़ जुटाई थी।

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Jun 20, 2025
Sambhal Violence: सांसद बर्क और मस्जिद कमेटी के सदर पर बड़ी साजिश का आरोप | Image Source - Social Media

Sambhal Violence News Today: संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए बवाल की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया है कि इस हिंसा की साजिश सांसद जियाउर्रहमान बर्क और जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट ने मिलकर रची थी। चार्जशीट के अनुसार, सांसद के कहने पर उनके व्यक्तिगत सहायक अब्दुल रहमान के पिता रिजवान ने फोन कर मस्जिद के आसपास और सरायतरीन क्षेत्र से भीड़ को जुटाया था।

रिजवान की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से खुली साजिश

पुलिस जांच में रिजवान की सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) से यह पुष्टि हुई है कि उन्होंने कई लोगों से संपर्क किया था। पुलिस के अनुसार, रिजवान जामा मस्जिद में इलेक्ट्रीशियन के रूप में भी कार्य करता है और उसी ने हिंसा के लिए लोगों को बुलाया था। जांच में जिन लोगों से रिजवान की बातचीत हुई, उनकी भी भूमिका संदिग्ध पाई गई।

23 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

एसआईटी ने इस मामले में कुल 23 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इनमें कुछ को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य को धारा 35(3) के तहत नोटिस जारी किया गया है। चार्जशीट के अनुसार, 24 नवंबर को सर्वे होना था और इसकी जानकारी 23 नवंबर की रात को मस्जिद कमेटी के सदर को मिली। उन्होंने सांसद को सूचना दी, जिन्होंने सर्वे रोकने के लिए भीड़ एकत्र करने का आदेश दिया।

22 नवंबर को दिए बयान से बढ़ी मुसीबत

चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि 22 नवंबर को सांसद बर्क ने जामा मस्जिद के बाहर खड़े होकर बयान दिया था कि "यह मस्जिद थी और मस्जिद ही रहेगी।" पुलिस के अनुसार, यही बयान हिंसा की जड़ बना और इसके बाद माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया। यह बयान चार्जशीट में बतौर सबूत शामिल किया गया है।

मस्जिद कमेटी के 6 पदाधिकारी भी आरोपी

जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और वह 23 मार्च से जेल में बंद हैं। उन पर झूठे बयान देने और हिंसा की साजिश रचने के आरोप हैं। चार्जशीट में कमेटी के पांच अन्य पदाधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है। हालांकि, उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है बल्कि नोटिस जारी किया गया है।

गवाहों के बयान बने मजबूत सबूत

एसआईटी ने इस केस में कुल 14 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें पुलिसकर्मी और अधिवक्ता शामिल हैं। ये सभी गवाह घटनास्थल पर मौजूद थे और उनके बयान कोर्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। पूरी चार्जशीट 1100 पन्नों की है।

सुहेल इकबाल को मिली क्लीन चिट

इस मामले में सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया गया था। लेकिन एसआईटी की जांच में उनकी भूमिका हिंसा में साबित नहीं हुई। हालांकि, वे मौके पर मौजूद थे, पर हिंसा से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं मिला। इसी आधार पर उन्हें क्लीन चिट दी गई है।

आरोपियों की सूची

चार्जशीट में जिन 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें शामिल हैं-

सांसद जियाउर्रहमान बर्क, जफर अली एडवोकेट, आसिफ, दानिश, मुजम्मिल, सुभान, जमशेद आलम, रफीक अली, आसिम, अब्दुल रहमान, रिजवान, हाजी राशिद, लड्डन खां, मुमताज, इतरत हुसैन, मताहिर हुसैन, अब्दुल माबूद खान, मोहसिन, आरिश, गिलमान, जाहिद अली, अल्तमश, मुजम्मिल खान।

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