सम्भल

पुलिस सिस्टम में दोहरे कानून? सांसद बर्क बोले- हिंदू चिन्ह पर इनाम, मुस्लिम पहचान पर लाइन हाजिर

Mohammad Afaq Line Hazir Case: संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति और लाइनहाजिरी को लेकर ‘दोहरे कानून’ का आरोप लगाया है।

2 min read
Dec 21, 2025
पुलिस सिस्टम में दोहरे कानून? Image Source - 'X' @IANS

Ziaurrahman Bark Police Double Standards: यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एक ही समय में दो पुलिस अधिकारियों के साथ हुई अलग-अलग प्रशासनिक कार्रवाई को ‘दोहरे कानून’ का उदाहरण बताया है। सांसद का कहना है कि एक अधिकारी को पदोन्नति दी गई, जबकि दूसरे को लाइन हाजिर कर दिया गया और इसके पीछे समानता नहीं बल्कि धार्मिक भेदभाव नजर आता है।

ये भी पढ़ें

बिजनौर में DM का सरकारी आवास कुर्क करने का आदेश, मुआवजा न मिलने पर लारा कोर्ट सख्त; 9 जनवरी को तलब

सोशल मीडिया से सरकार पर सीधा हमला

शनिवार को सांसद बर्क ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा कि “एक ही देश में दो कानून कैसे हो सकते हैं?” उन्होंने सवाल उठाया कि जब एक अधिकारी को विवादों के बावजूद इनाम मिलता है, तो दूसरे अधिकारी को केवल एक शैक्षणिक कार्यक्रम में कही गई बातों के आधार पर सजा क्यों दी जाती है।

अनुज चौधरी के प्रमोशन पर विवाद

सांसद बर्क ने फिरोजाबाद ग्रामीण के एएसपी अनुज चौधरी का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान पुलिस की वर्दी में हिंदू धार्मिक चिन्हों के साथ हनुमान चालीसा पढ़ते देखा गया था। इसके अलावा संभल में मुसलमानों पर कथित तौर पर गोली चलाने जैसे गंभीर आरोप भी सामने आए थे। इसके बावजूद उन्हें पदोन्नति दी गई, जिसे सांसद ने ‘इनाम’ करार दिया।

यातायात कार्यक्रम में कही बात बनी वजह

दूसरी ओर, कन्नौज यातायात के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद आफाक को एक स्कूल में आयोजित यातायात जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कही गई बातों के बाद लाइन हाजिर कर दिया गया। आफाक ने कार्यक्रम में पैगंबर मोहम्मद (स.) द्वारा बेटियों के अधिकारों और अरब समाज में बेटियों को जिंदा दफन किए जाने की कुप्रथा को खत्म करने के प्रयासों का उल्लेख किया था।

‘मुसलमान होने की गलती’ का आरोप

सांसद बर्क ने इस कार्रवाई को ‘मुसलमान होने की गलती’ की सजा बताया। उन्होंने कहा कि मोहम्मद आफाक ने कोई आपत्तिजनक भाषण नहीं दिया था, बल्कि एक सामाजिक और नैतिक शिक्षा का उदाहरण पेश किया था। इसके बावजूद उन्हें तुरंत लाइन हाजिर कर देना प्रशासन की नीयत पर सवाल खड़े करता है।

किष्किंधा रथ और मंदिर विवाद का जिक्र

इस पूरे मामले को सांसद बर्क ने 1 जनवरी 2025 को संभल पहुंचे कर्नाटक के किष्किंधा रथ से भी जोड़ा। उन्होंने बताया कि 14 दिसंबर 2024 को उनके घर से मात्र 200 मीटर दूर स्थित 46 साल से बंद प्राचीन कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खोले गए थे। उसी दौरान किष्किंधा रथ वहां पहुंचा था और एक महंत द्वारा एएसपी अनुज चौधरी के हाथ में गदा दी गई थी।

शासन तक पहुंच चुका मामला

इस घटना को लेकर पूर्व रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी शासन में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी। अब जब मोहम्मद आफाक को लाइन हाजिर किया गया है, तो सांसद बर्क ने एक बार फिर अनुज चौधरी के वर्दी में गदा लेकर चलने के मामले को सामने लाकर प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

फिर गरमाई राजनीतिक बहस

मोहम्मद आफाक की लाइनहाजिरी के बाद यह पूरा मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। राजनीतिक गलियारों में पुलिस की कार्रवाई को लेकर बहस तेज हो गई है और विपक्ष इसे धार्मिक भेदभाव से जोड़कर देख रहा है, जबकि शासन की ओर से अब तक कोई विस्तृत सफाई सामने नहीं आई है।

Also Read
View All

अगली खबर