सम्भल

रिश्वतखोरी में रंगे हाथ पकड़ा गया चौकी प्रभारी: एंटी करप्शन टीम ने 20 हजार रुपये लेते ही दबोचा, बिचौलिया भी गिरफ्तार

Sambhal News: संभल जिले के रजपुरा थाना क्षेत्र में एंटी करप्शन टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चौकी प्रभारी राकेश सिंह को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी दरोगा ने धोखाधड़ी के मुकदमे में नाम निकालने के लिए 50 हजार रुपये मांगे थे।

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Nov 12, 2025
रिश्वतखोरी में रंगे हाथ पकड़ा गया चौकी प्रभारी | Image Source - Pinterest

Police officer bribery case Sambhal: संभल जिले के रजपुरा थाना क्षेत्र की हरिबाबा बांध धाम पुलिस चौकी के प्रभारी राकेश सिंह मंगलवार की शाम एंटी करप्शन टीम के जाल में फंस गए। शाम करीब साढ़े चार बजे टीम ने उन्हें 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। साथ ही बिचौलिया, गांव मोलनपुर डांडा निवासी इकबाल को भी टीम ने मौके से पकड़ लिया। आरोपी दरोगा ने धोखाधड़ी के मुकदमे में नाम निकालने के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसमें पहली किस्त के रूप में 20 हजार रुपये तय हुए थे।

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50 हजार की डील, पहली किस्त में ही हुआ भंडाफोड़

अमरोहा जिले के गांव दहेरी खादर निवासी सुखवीर ने आरोप लगाया कि दरोगा राकेश सिंह ने उसका नाम धोखाधड़ी के मुकदमे से निकालने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की थी। तय हुआ कि मंगलवार को 20 हजार रुपये दिए जाएंगे और बाकी 30 हजार तीन दिन बाद। लेकिन सुखवीर ने खुद को निर्दोष बताते हुए एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया और पूरी साजिश का पर्दाफाश करने की योजना बनाई। टीम ने उसे रिश्वत के रूप में चिह्नित नोट दिए और उसी योजना के तहत दरोगा को रंगे हाथ पकड़ा गया।

धोखाधड़ी केस से जुड़ा था मामला

सुखवीर के मुताबिक 23 जून को गवां निवासी सुकेश चंद्र पारिक ने फर्जी बैनामा कराने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें चार आरोपियों के साथ सुखवीर का नाम भी शामिल कर दिया गया था। विवेचना हरिबाबा बांध धाम चौकी प्रभारी राकेश सिंह को मिली थी। आरोप है कि उन्होंने नाम निकालने के बदले बिचौलिया इकबाल के जरिए रिश्वत मांगी। सुखवीर ने कहा कि वह निर्दोष है, पर दरोगा ने जांच में पक्षपात किया।

एंटी करप्शन की सटीक रणनीति

शिकायत दर्ज होने के बाद एंटी करप्शन टीम ने पूरी योजना बनाई। टीम ने सुखवीर से कहा कि वह तय दिन पर 20 हजार रुपये लेकर पहुंचे। मंगलवार को वह बिचौलिया इकबाल के साथ पुलिस चौकी पहुंचा। जैसे ही दरोगा ने रुपये लिए, एंटी करप्शन टीम ने मौके पर छापा मारा और दरोगा को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम प्रभारी नवल मारवा ने तुरंत रजपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

जिस थाने में तैनाती, वहीं से पहुंचा जेल

दरोगा राकेश सिंह की तैनाती रजपुरा थाने में पिछले नौ महीने से थी। गिरफ्तारी के बाद एंटी करप्शन की टीम ने उन्हें उसी थाने की हवालात में बंद कर दिया, जहां वे तैनात थे। इसके बाद टीम उन्हें औपचारिक प्रक्रिया पूरी करने के लिए अपने साथ ले गई। रजपुरा थाना प्रभारी ने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को भेज दी है ताकि विभागीय कार्रवाई शुरू की जा सके।

1990 बैच का दरोगा, फरवरी में बना था चौकी प्रभारी

दरोगा राकेश सिंह मूल रूप से हाथरस जिले के सिकंदराराय थाना क्षेत्र के गांव जूलापुर के निवासी हैं। 1990 में पुलिस सेवा में भर्ती हुए और फरवरी 2025 में हरिबाबा बांध धाम पुलिस चौकी के प्रभारी बनाए गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह सामान्य व्यवहार वाले अधिकारी थे, लेकिन बिना रुपये लिए कोई काम नहीं करते थे। जो लोग रिश्वत देने से इंकार करते, उनका काम लंबित रहता था। गिरफ्तारी के बाद राकेश सिंह बेहद मायूस दिखे और थाने में दिए गए खाने से भी इंकार कर दिया।

एंटी करप्शन ने दर्ज कराई रिपोर्ट, होगी विभागीय कार्रवाई

एंटी करप्शन टीम ने दरोगा राकेश सिंह और बिचौलिया इकबाल दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि रिश्वत लेने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।

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