सम्भल

भोलेनाथ की भक्ति में लीन भक्त! बारिश भी नहीं रोक सकी श्रद्धालुओं का जोश, शिवालयों में दिखी आस्था की भीड़

Sawan Fourth Somwar Shiv Bhakti Sambhal: संभल में सावन के चौथे और अंतिम सोमवार को भारी बारिश के बावजूद शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक और दूधाभिषेक कर भोलेनाथ से मनोकामनाएं मांगी।

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Aug 04, 2025
भोलेनाथ की भक्ति में लीन भक्त! Image Source - Social Media

Sawan fourth somwar shiv bhakti sambhal temple: सावन माह के चौथे और अंतिम सोमवार को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्रद्धालु शिवभक्ति में पूरी तरह सराबोर नजर आए। सुबह से हो रही झमाझम बारिश भी लोगों की आस्था को नहीं रोक पाई। 'बोल बम' और 'हर-हर महादेव' के गगनभेदी जयकारों से पूरी कल्कि नगरी गूंज उठी। श्रद्धालु पूरी श्रद्धा से शिवालयों में जलाभिषेक, दूधाभिषेक और बेलपत्र अर्पण करने पहुंचे।

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बारिश में भी डटा रहा श्रद्धा का कारवां

बारिश के कारण कुछ जगहों पर भीड़ अपेक्षाकृत कम जरूर रही, लेकिन श्रद्धालुओं का मंदिरों में आना-जाना लगातार बना रहा। लोगों ने सुबह से ही मंदिरों में पहुंचकर शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित किया। भक्तों का यह उत्साह सावन की महिमा और भोलेनाथ की भक्ति का प्रमाण बन गया।

प्रमुख मंदिरों में हुआ विशेष आयोजन

जनपद संभल के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित प्रसिद्ध शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। थाना बहजोई क्षेत्र: सादातबाड़ी स्थित श्री पातालेश्वर महादेव मंदिर, थाना हयातनगर क्षेत्र: सिद्धपीठ श्री पातालेश्वर महादेव एवं चंद्रेश्वर महादेव मंदिर, सदर कोतवाली क्षेत्र: सूर्यकुंड स्थित श्री कृष्णेश्वर नाथ महादेव मंदिर, थाना नखासा क्षेत्र: फत्तेहपुर भाऊ स्थित श्री प्रकेटेश्वर महादेव मंदिर। इन सभी मंदिरों में भक्तों ने गहरी आस्था के साथ पूजा-अर्चना की और मनोकामना पूर्ति की प्रार्थनाएं कीं।

श्रद्धालुओं की ज़ुबानी: ‘बारिश भी नहीं रोक सकी हमारी आस्था’

श्रद्धालु राजेश कुमार ने बताया, “रात से लगातार बारिश हो रही है, फिर भी हम पक्के बाग मंदिर जा रहे हैं। सावन के सोमवार को बिना दर्शन किए चैन नहीं आता।”

मंदिर के महंत जुगलकिशोर मिश्रा ने कहा, “रात से बारिश हो रही है, लेकिन भक्तों की श्रद्धा इतनी गहरी है कि लोग लगातार दर्शन के लिए आ रहे हैं। हरिद्वार और बृजघाट से कई डाक कावड़ भी मंदिर पहुंचे हैं। शाम को भव्य महाआरती का आयोजन किया जाएगा।”

प्रशासन की व्यवस्था नदारद

हालांकि भीड़भाड़ और सावन की महत्ता को देखते हुए मंदिरों में सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था की आवश्यकता थी, लेकिन अधिकांश शिवालयों पर न तो स्वास्थ्य विभाग की टीम दिखी और न ही पुलिस-प्रशासन की तैनाती। श्रद्धालु खुद ही व्यवस्था संभालते नजर आए।

सावन का चौथा सोमवार पूरे श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में समाप्त हुआ। बारिश और कठिन मौसम के बावजूद भक्तों का उत्साह देखने लायक था।

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