MP News- धार्मिक और पर्यटन महत्व के कारण जनसंख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।इसलिए अब एमपी के विंध्याचल की इस नगर परिषद को लेकर व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम प्रस्तावित किया गया है।
MP News- विंध्याचल के सतना जिले के चित्रकूट नगर परिषद (chitrakoot nagar parishad) को नगर पालिका बनाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया है। इसकी मुख्य वजह मौजूदा दौर में नगर परिषद की व्यवस्थाएं यहां अब नाकाफी साबित होने लगी है। जिस तरह से चित्रकूट का विकास और विस्तार हो रहा है, साथ ही प्रतिदिन 15 से 20 हजार की अस्थायी जनसंख्या यहां बाहर से आ रही है, उनके लिए नगर परिषद स्तर पर सुविधाएं मुहैया करना मुश्किल हो रहा है। लिहाजा मौजूदा किाकूट की सीमा विस्तार के साथ इसे नगर पालिका घोषित करने प्रस्ताव तैयार किया गया है।
नगर पालिका अधिनियम 1961 के अनुसार किसी क्षेत्र की जनसंख्या जब 50 हजार हो जाती है तो उसे नगर पालिका घोषित किया जा सकता है। हालांकि अभी नगर परिषद की जनसंख्या 30 से 40 हजार के करीब है। लेकिन किाकूट में प्रतिदिन 15 से 20 हजार दर्शनार्थी पहुंचते हैं। ऐसे में नगर परिषद को यहां प्रतिदिन 50 हजार से ज्यादा लोगों की व्यवस्थाएं करनी पड़ती है, जिसके लिए वह सक्षम नहीं है। इसके अलावा चित्रकूट का क्षेत्रफल लगभग 82 वर्ग किलोमीटर है जो कई नगर पालिकाओं से अधिक हैं।
स्वच्छता जैसे मामले में यहां जिस तरीके सुविधाएं और व्यवस्थाएं चाहिए, उसके लिए जितने कर्मियों की आवश्यकता है, वह नगर परिषद के प्रावधान में नहीं है। वहीं चित्रकूट से लगी कई पंचायते शहरीकरण में शामिल हैं, लेकिन वे ग्राम पंचायत के तौर पर चल रही है। इन सभी बिंदुओं को देख नगर पालिका बनाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
नगर पालिका बनाने के प्रस्ताव में चित्रकूट से लगी शहरीकरण की प्रक्रिया में शामिल ग्राम पंचायतों को भी शामिल करने की बात कही गई है। इसमें पालदेव, हरदुआ, टेढ़ी सेजवार पंचायतों को नगर पालिका चित्रकूट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है।
चित्रकूट के नगर पालिका घोषित होने से यहां की कार्मिक संरचना बदल जाएगी, जिससे ज्यादा अधिकारी कर्मचारी स्थापना में शामिल होंगे। ऐसा होने पर व्यवस्थाओं की देख-रेख और कार्य ज्यादा बेहतर तरीके से हो सकेगा। शासन योजनांतर्गत सहायता भी ज्यादा मिल सकेगी जिससे बेहतर काम हो सकेंगे। ऐसा होने पर स्वच्छता, पेयजल, धार्मिक स्थलों की निगरानी सहित अन्य कार्य ज्यादा बेहतर हो सकेंगे।