Ladli Lakshmi Yojana: विभाग के लगातार निर्देशों के बावजूद जिला स्तर पर इस मामले में गंभीरता नहीं बरती गई है...
Ladli Lakshmi Yojana: लाड़ली लक्ष्मी योजना में प्रदेशभर में कुल 52.02 लाख बालिकाओं का पंजीयन है, लेकिन इनमें से 18.22 लाख बालिकाओं को योजना के तहत मिलने वाली छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही है। इसका मुख्य कारण समग्र सत्यापन का पूरा न होना बताया जा रहा है। विभाग के लगातार निर्देशों के बावजूद जिला स्तर पर इस मामले में गंभीरता नहीं बरती गई है।
सतना जिला मुख्यालय में ही 11 हजार पंजीकृत बालिकाओं में से 4866 का समग्र सत्यापन नहीं हो सका है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रारंभ से जितने प्रकरण स्वीकृत किए गए है उन सभी में हितग्राहियों को आधार से केवायसी करानी होगी। इसके बाद आधार व स्कूल की समग्र आईडी से मिलान होना चाहिए, तभी बेटियों को पैसा मिलेगा। यदि मिलान नहीं होता है तो किस्त खाते में नहीं आएगी।
समग्र सत्यापन का कार्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किया जाना है। उनके कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत योजना लाभार्थी बालिकाओं का नाम समग्र में जुड़ा है या नहीं यह जांचने के बाद संबंधित बालिका का नाम परिवार की समग्र आईडी में जोड़ा जाता है। समग्र आईडी में नाम जुडने के बाद बालिका को छात्रवृत्ति मिलती है, पाया गया है कि मध्यप्रदेश में कुल 52,02,939 बालिकाएं योजना के तहत पंजीकृत है। इसमें से 33,80,299 का ही समग्र सत्यापन हो सका है। अभी भी प्रदेश में 18,22,640 बालिकाओं का समग्र सत्यापन होना शेष है। इस वजह से संबंधित बालिकाओं को छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
सतना और मैहर जिले में कुल 66211 बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी है। जानकारी के अभाव में इनके अभिभावक कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में छात्रवृत्ति नहीं मिलने की शिकायत लेकर घूमते रहते हैं। ऐसा ही मामला बीते दिनों जनसुनवाई में भी आया था। रामपुर की बाघेलान से आए अभिभावक ने अपनी बेटी को छात्रवृत्ति नहीं मिलने की शिकायत की थी। जब परीक्षण किया गया तो पता चला कि समग्र सत्यापन नहीं हो सका है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है कि संबंधित बालिकाओं का सत्यापन करें और समग्र में नाम जुड़वाए। इसके साथ एसएमएस के माध्यम से भी समग्र सत्यापन की सूचना दी जा रही है। 15 जनवरी तक यह कार्य पूरा करने का टारगेट तय किया गया है। - राजीव सिंह, जिला महिला बाल विकास अधिकारी
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