सवाई माधोपुर

राजस्थान में फरारी काट रहा था उज्जैन महाकाल मंदिर के महंत को धमकी देने वाला, पुलिस ने डेढ़ साल बाद ऐसे दबोचा

उज्जैन महाकाल मंदिर के महंत को गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का झूठा गुर्गा बनकर 20 करोड़ की चौथवसूली एवं जान से मारने कीे धमकी के मामले में पुलिस ने डेढ वर्ष से फरार ईनामी आरोपी को गिरफ्तार किया है।

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी। फोटो: पत्रिका

सवाईमाधोपुर। उज्जैन महाकाल मंदिर के महंत को गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का झूठा गुर्गा बनकर 20 करोड़ की चौथवसूली एवं जान से मारने कीे धमकी के मामले में पुलिस ने डेढ वर्ष से फरार ईनामी आरोपी को गिरफ्तार किया है।

पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि आरोपी सूरजभान सिंह पुत्र रघुवीर सिंह ओठ राजपूत निवासी मगुराम का डेरा, बगदिया, थाना ढोढर जिला श्योपुर मध्यप्रदेश है। आरोपी को अलवर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि आरोपी ने महाकाल मन्दिर उज्जैन के महंत बलराम के स्थानीय आश्रम पादड़ी तोपखाना खण्डार में प्रवास के दौरान धमकी दी थी। यह ईनामी आरोपी मामले में फरार चल रहा था।

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पूर्व में सात आरोपी हो चुके गिरफ्तार

पुलिस इस मामले में पूर्व थानापति महंत के निजी सहायक सहित सात आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में धमकी देने वाले, मुख्य षडयंत्रकर्ता, पैसे देने वाले, सिम कार्ड, बैंक अकाउंट देने वाले सहित आपराधिक योजना में शामिल सन्नी उर्फ सुनील, उमेश पाठक, रामलखन गुर्जर, नरेश, धर्म सिंह व विजेन्द्र सिंह को पकड़ा जा चुका है।

यह था मामला

उज्जैन के थानापति-महंत बलराम पुत्र प्रहलाद ब्राह्मण निवासी पादड़ी तोपखाना ने 29 दिसम्बर 2023 को थाने में मामला दर्ज कराया था। इसमें बताया कि वह अपने आश्रम पर भजन कर रहे थे। उसी समय अज्ञात मोबाईल नम्बर से फोन आया कि विश्नोई का भांजा बोल रहा हूं। तीन दिन के अन्दर 20 करोड़ की व्यवस्था कर देना नहीं तो शरीर को बन्दूक की गोलियों से छलनी कर दूंगा। घटना के बाद पीड़ित ने मामला दर्ज कराया था।

षड्यंत्र में शामिल ईनामी आरोपी सूरजभान सिंह की गिरफ्तारी के लिए मानटाउन थानाधिकारी सुनील कुमार गुप्ता के सुपरजिवन में टीम का गठन किया। टीम के सदस्य अजीत मोगा को फरार आरोपी के अलवर में छिपे होने की सूचना मिली। सूचना पर टीम को अलवर भेजा। टीम ने आरोपी के किराए के मकान का पता कर दबोचने में सफलता हासिल की। फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जिला स्तर पर 10 हजार का इनाम घोषित था।

सूरजभान की मोबाईल शॉप की दुकान थी। उस पर सिम कार्ड जारी करने की डीलरशीप थी। इसी दुकान से जारी फर्जी सिम कार्ड को काम में लेकर उसने धमकी भरा कॉल किया था। पुलिस डेढ वर्ष से आरोपी की तलाश में जुटी थी। आरोपी को स्वयं की मोबाईल की दुकान होने से इन्टरनेट एवं तकनीकी जानकारी थी।

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