सवाईमाधोपुर जिले का जड़ावता गांव में भारी बारिश के बाद जनजीवन ठहर गया है। दूर-दूर से खेतों से होकर बहता आ रहा पानी मिट्टी का कटाव करके एक जलप्रपात की तरह गिर रहा है।
सवाईमाधोपुर। जिले का जड़ावता गांव में भारी बारिश के बाद जनजीवन ठहर गया है। दूर-दूर से खेतों से होकर बहता आ रहा पानी मिट्टी का कटाव करके एक जलप्रपात की तरह गिर रहा है। गिरते पानी के इस वेग में गांव के खेतों की भूमि कटकर गहरी खाई का रूप ले चुकी है। तेज बहता पानी एक नदी के रूप में अपना रास्ता खुद बनाकर अब आगे बनास की ओर जा रहा है। पानी की इस तबाही ने पक्के मकान और मंदिर ढहा दिए हैं। गांव में बिजली बंद है। जरूरी चीजें भी नहीं पहुंच पा रही है। अब गांव के लोग भगवान से मिन्नते मांग रहे हैं। साथ ही प्रशासन को कोसते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि जिले में शुक्रवार रात से शनिवार रात तक तेज बारिश का दौर रहा। इस दौरान भारी बारिश से सूरवाल बांध ओवरफ्लो हो गया। इससे सूरवाल बांध पर करीब तीन से चार फीट की चादर चल रही है। बांध से बहता पानी नहर की बजाय कई गांवों में होते हुए कोटा-लालसोट हाईवे पर पहुंच रहा है। इससे सूरवाल, मैनपुरा और जड़ावता में हाईवे पर जलभराव के हालात बने हुए है। हाईवे से यह पानी आगे खेतों में होते हुए गांव में घुस रहा है। जो जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रहा है।
सूरवाल बांध सहित भगवतगढ़ से आ रहे इस पानी ने जड़ावता गांव में खेतों की मिट्टी का कटाव करते करीब 25 बीघा भूमि को गहरी खाई में तब्दील कर दिया है। जिसकी भरपाई शायद अब मुश्किल है। गांव में यह पानी झरनों की तरह नीचे गिर रहा है। गिरते पानी के इस वेग से मिट्टी का लगातार कटाव हो रहा है। अब तक मिट्टी के कटाव से यहां एक पक्का मकान और दो दुकान सहित दो मंदिर ढह गए हैं। यहां लगातार हो रहे मिट्टी के कटाव से गांव के और मकान भी ढहने की आशंका बनी हुई है।
पिछले चार दिन से यहां हो रहे जल प्लावन जैसे हालातों के सोशल मीडिया पर वायरल होने और प्रशासन तक जानकारी पहुंचन पर रविवार को यहां प्रशासनिक टीमें दौड़ गई। इस दौरान यहां सेना को भी बुला लिया गया। हालांकि यहां एनडीआरएफ की टीम पहले से मौजूद थी। गांव के हालात की सूचना पाकर आपदा मंत्री डॉ. किरोडीलाल भी पहुंचे। जबकि वे एक दिन पहले भी हवाई दौरा कर गए थे, लेकिन गांव के हालात नहीं देखने से ग्रामीणों में गुस्सा था।