सवाई माधोपुर

सरकारी नौकरी वाले दूल्हे की अनूठी पहल, लाखों का दहेज छोड़कर सिर्फ एक नारियल लेकर रचाया ब्याह

लडक़ी के परिजन लाखों रुपए दहेज दे रहे थे, लेकिन इनकार कर दिया। इसके बाद केवल नारियल लेकर ही विवाह रचाया। सौरभ ने बताया कि पत्नी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयार कर रही है। लडक़ी के माता-पिता सरकारी सेवा में है।

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बदलते परिवेश में अब दहेज के खिलाफ युवा लगातार सामने आ रहे हैं। सामाजिक कुरीति मानते हुए दहेज के खिलाफ समाज को कड़ा संदेश दे रहे हैं। गत दिनों सवाईमाधोपुर जिले में जहां एक रुपए में शादी की, वहीं गंगापुरसिटी में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां शिवपुरी ब्लॉक बी निवासी केन्द्रीय सार्वजनिक निर्माण विभाग में माउण्ट आबू में कार्यरत सौरभ मीना पुत्र पूरण मल मीना ने बिना दहेज युवती से शादी की। हालांकि लडक़ी के परिजन लाखों रुपए दहेज दे रहे थे, लेकिन इनकार कर दिया। इसके बाद केवल नारियल लेकर ही विवाह रचाया। सौरभ ने बताया कि पत्नी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयार कर रही है। लडक़ी के माता-पिता सरकारी सेवा में है। उनके पिता पूरणमल रेलवे में गार्ड के पद पर कार्यरत हैं। उनका मानना है कि पैसा लेकर शादी करने से प्रतिष्ठा बढ़ने के बजाय घटती है।

राजपूत दूल्हे ने भी लौटाए थे 11 लाख रुपए


चित्तौड़गढ़ के एक राजपूत परिवार में दूल्हे के पिता ने दस्तूर में मिले 11 लाख रुपए लौटाते हुए एक रुपया व नारियल लेकर बेटे का विवाह कर समाज को संदेश दिया था। सेवानिवृत्त सहायक उप निरीक्षक भूरसिंह राणावत की पुत्र मधु राणावत से विवाह करने के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमृतसिंह पुत्र महेन्द्र सिंह राठौड़ बारात लेकर नागौर जिले के मांडल देवा गांव से पहुंचे थे। जहां विवाह समारोह में वधु पक्ष की ओर से तिलक दस्तूर में 11 लाख रुपए रखे गए। लेकिन, दूल्हे के पिता ने यह राशि लौटा दी और एक रुपया नारियल लेकर बेटे का विवाह संपन्न किया था।

Updated on:
09 Dec 2024 02:30 pm
Published on:
09 Dec 2024 02:21 pm
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