MP News: शहडोल के शिशुगृह लाई गई एक बच्ची की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं... लोग देखने आते, लेकिन कोई नहीं लेता था गोद, अब इटली में मुस्कुराएगी जिंदगी...
MP News: जिंदगी कभी-कभी फिल्मी पटकथा जैसी भी होती है। शहडोल के शिशु गृह की बच्ची की कहानी भी ऐसी है। जन्म के बाद तीन साल पहले मां ने उसे राह चलते महिला को पकड़ाकर छोड़ दिया। बाद में शिशु गृह लाया गया तो कुपोषण से जूझती बच्ची को 5 भारतीय और एक विदेशी दंपती ने गोद लेने से मना कर दिया। लेकिन वक्त के साथ किस्मत बदली।
वही मासूम विदेश में नए परिवार के साथ जिंदगी की नई उड़ान भरेगी। अप्रेल 2020 में जन्मी बच्ची को मां ने महज ढाई साल की उम्र में छोड़ दिया था। मां ने राहगीर महिला से कहा था, पकड़ो, मैं दवाई लेकर आ रही हूं। लेकिन नहीं लौटी। महिला बाल विकास ने बच्ची को शहडोल स्थित शिशु गृह पहुंचाया। वह कुपोषण की शिकार थी। वजन सिर्फ 4 किलो था। बैठाते ही गिर जाती थी। शरीर हड्डियों का ढांचा था। समय के साथ देखरेख हुई और उसका वजन 13 किलो हो गया। अब वह स्वस्थ है। पढ़ती है। हंसती है। इटैलियन परिवार पहुंचा तो अपनी मुस्कान से उसने दिल जीत लिया।
महिला बाल विकास ने बच्ची के परिजन की तलाश की। उसके पिता को ढूंढ़ निकाला। लेकिन पिता ने हाथ खड़े कर दिए। अकेला होने और उम्र की बात कहते हुए पिता ने देखरेख से मना कर दिया। कोई गोद लेने को भी तैयार नहीं लंबे समय तक कुपोषण के कारण कोई उसे गोद लेने को तैयार नहीं था। गोद लेने को सैकड़ों आवेदन लगे थे। पांच भारतीय और एक विदेशी परिवार ने उसे रिजर्व किया, लेकिन बाद में मना कर दिया।