
जीएसटी दर में कमी से 22 सितंबर से खाने-पीने की चीजें सस्ती हो गई हैं। (फोटो : फ्री पिक)
NEW GST Impact: जीएसटी की दरों में आज से यानी 22 सितंबर से बदलाव लागू हो रहा है, जिससे आम लोगों को सीधी राहत मिलेगी। एक औसत मिडिल म्लास परिवार, जिसमें पति-पत्नी, बच्चे और बुजुर्ग मातापिता रहते हैं, उनका अनुमानित मासिक बजट करीब 30 से 40 हजार रुपए होता है। इस बजट में सभी दैनिक जरूरतों के खर्च शामिल हैं। नए जीएसटी स्लैब लागू होने के बाद इस परिवार को हर महीने औसतन तीन हजार रुपए की अतिरिम्त राहत मिलने का अनुमान है।
पति : पति-पत्नी के रोजमर्रा के खर्च में खाना-पीना, कपड़े, घरेलू सामान, मोबाइल, इंटरनेट और परिवहन शामिल हैं। पहले इस पर 12 हजार रुपए खर्च होते थे। जीएसटी में कमी के बाद यानी 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी हो गया है। इन चीजों पर टैक्स में 1,200 रुपए की राहत मिलेगी। इससे परिवार के दैनिक खर्चों का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा।
बुजुर्ग : बुजुर्गों के खर्च में मुय रूप से दवा, हेल्थ सह्रश्वलीमेंट, दैनिक खाने-पीने की चीजें और स्वास्थ्य संबंधी छोटी जरूरतें शामिल हैं। पहले इस पर लगभग 6 हजार रुपए खर्च होते थे, जिनमें 18 फीसदी जीएसटी लागू थी। अब नई दरों के बाद जीएसटी 12 फीसदी हो गई है, जिससे हर महीने लगभग 540 रुपए की बचत होगी। बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में यह राहत उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
बच्चे: बच्चों के स्टेशनरी, खेलकूद और अन्य आवश्यक खर्च करीब 5 हजार रुपए प्रति माह थे। इनमें भी टैक्स की दर घटने से लगभग 540 रुपए की बचत होगी। बच्चों की शिक्षा और अतिरिक्त गतिविधियों पर यह राहत परिवार के लिए सीधे लाभदायक होगी।
पत्नी : रसोई का सामान, गैस, बिजली-पानी और अन्य घरेलू जरूरतों पर पहले 7 हजार रुपए खर्च होते थे। नई जीएसटी दरों के बाद इन पर 700 रुपए की बचत होगी। इससे रोजमर्रा की चीजों पर खर्च कम होगा और परिवार के पास अतिरिक्त पैसे बचेंगे।
इन सभी खर्चों और नई जीएसटी दरों को मिलाकर देखा जाए तो यह मिडिल क्लास परिवार हर महीने करीब 3 हजार रुपए की अतिरिक्त राहत हासिल कर रहा है। पहले करीब 40 हजार रुपए का बजट पूरी तरह खर्च हो जाता था, लेकिन अब बचत के साथ परिवार राहत महसूस कर सकता है। महंगाई के जमाने यह बड़ी बचत के रूप में देखी जा रही है।
-1- ग्राहक नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन: 1800-11-4000
-2- सीबीआइसी की जीएसटी हेल्पलाइन: 1800-1200-232
-3- साथ ही नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी की वेबसाइट पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
-4- शिकायत दर्ज कराते समय आपको बिल की कॉपी, दुकानदार का नाम और पता देना होगा।
जीएसटी दरों में यह बदलाव मिडिल क्लास परिवारों के लिए सीधे फायदे का सौदा है। दैनिक आवश्यकताओं पर टैक्स कम होने से परिवार अपने बजट को बेहतर तरीके से मैनेज कर पाएगा और अतिरिक्त पैसे बचाकर बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों की देखभाल या स्वास्थ्य खर्चों में लगा सकता है। इन पैसों को वह कहीं निवेश भी कर सकता है।
-सीए आनंद जैन, आर्थिक विशेषज्ञ, इंदौर
Published on:
22 Sept 2025 08:53 am
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