Underground coal mines: 692.56 करोड़ की लागत से अंडरग्राउंड कोल माइंस स्थापित की जाएगी, जिससे 539 लोगों को रोजगार मिलेगा। ग्रामीणों ने स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता, जल संरक्षण और स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग उठाई।
Underground coal mines: मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के पाली ब्लॉक में 692.56 करोड़ रुपये की लागत से अंडरग्राउंड कोल माइंस स्थापित होने जा रही है। इस परियोजना से छह गांव—शाहपुर, खोलखम्हा, मालाचुआ, रांगड़, पडरी और बंधवाबारा प्रभावित होंगे। माइंस से हर साल 15 लाख टन कोयले का उत्पादन होगा, जिसके लिए 539 अधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत होगी।
मंगलवार को शाहपुर गांव में प्रशासनिक अधिकारियों और कंपनी प्रबंधन की मौजूदगी में लोक सुनवाई आयोजित की गई। इसमें स्थानीय ग्रामीणों से राय ली गई। ग्रामीणों ने मांग की कि माइंस से प्रभावित गांवों के युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाए। साथ ही, क्षेत्र में प्रदूषण से होने वाले प्रभाव को रोकने के लिए एक उच्चस्तरीय अस्पताल बनाया जाए।
ग्राम खोलखम्हा निवासी हरिओम महरा ने कहा कि इस बड़ी परियोजना से रोजगार तो मिलेगा, लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी ध्यान देना जरूरी है। वहीं, ग्राम शाहपुर निवासी विकास गुप्ता ने कहा कि माइंस के प्रदूषण से लोगों को समस्या न हो, इसके लिए अस्पताल खोला जाना चाहिए और किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। ग्राम रांगड़ निवासी हर्ष द्विवेदी ने चिंता जताई कि अंडरग्राउंड कोल माइंस के कारण जलस्तर नीचे चला जाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि जल संरक्षण के लिए माइंस प्रबंधन को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना चाहिए।
कोल माइंस प्रबंधन ने भरोसा दिलाया कि माइंस संचालन से क्षेत्र को कोई नुकसान नहीं होगा। स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाएगा। जो लोग कुशल नहीं होंगे, उन्हें प्रशिक्षण देकर योग्य बनाया जाएगा। इसके लिए आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
कंपनी 28 हेक्टेयर भूमि पर परियोजना का ढांचा तैयार करने की योजना बना रही है। हालांकि, अभी स्थान तय नहीं हुआ है। यह परियोजना क्षेत्र के आर्थिक और औद्योगिक विकास में सहायक साबित होगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और सुविधाओं का लाभ मिलेगा।