Badarwas Janpad Panchayat : बजट आवंटन को लेकर बदरवास जनपद पंचायत में भाजपा में दो फाड़। जनपद की बैठक तीसरी बार निरस्त होने से नाराज जनपद उपाध्यक्ष समेत 13 सदस्य कलेक्टर को इस्तीफा सौंपने निकले।
संजीव जाट की रिपोर्ट
Badarwas Janpad Panchayat : मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के अंतर्गत आने वाली बदरवास जनपद पंचायत में मंगलवार को देश - प्रदेश के सत्ताधारी दल भाजपा में दो फाड़ देखने को मिले। अंत: इसका परिणाम ये रहा कि, जनपद उपाध्यक्ष समेत जनपद के 13 सदस्यों ने कलेक्टर को इस्तीफा सौंपने के लिए कलेक्टर ऑफिस की ओर निकल पड़े हैं।
दरअसल, वर्ष 2023-24 और 24-26 दो वर्ष जनपद अध्यक्ष को शासन द्धारा मिलने वाला सालाना 90 लाख का बजट जो दो वर्षों में 1 करोड़ 80 लाख पर पहुंच गया है, इसे 25 जनपद सदस्यों को आवंटित करना था, इसी आवंटन को लेकर जनपद कार्यालय में सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई। लेकिन, तीसरी बार में भी सहमति न बनने पर बैठक टाल दी गई। बैठक स्थगित होने से नाराज हुए जनपद उपाध्यक्ष समेत 13 सदस्य ने जनपद की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले हैं।
इसी को अनबन को लेकर मंगलवार को जनपद पंचायत उपाध्यक्ष मोहर सिंह पड़रिया और पूर्व जनपद उपाध्यक्ष रामवीर सिंह यादव समेत चौदह जनपद सदस्य मीडिया से रूबरू हुए और आरोप लगाया की पूर्व में जनपद अध्यक्ष और सभी जनपद सदस्यों की सहमति से साल 2023 और 24 के बजट को लेकर आवंटित हो गया था, जिसपर सहमति भी बन गई थी, लेकिन उक्त बजट और मौजूदा वर्ष के बजट को फिर से आवंटित करने को लेकर दो बार बैठक बुलाई गई, लेकिन कोई निर्णय नहीं निकाला गया। इसी को लेकर कलेक्टर के समक्ष शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। सभी 13 सदस्यों का कहना है कि उनके कामों को भी प्राथमिकता दी जाए, वहां काम करने से अच्छा इस्तीफा दे दिया जाए। इसी के साथ सभी कलेक्टर को इस्तीफा सौंपने कलेक्टर कार्यालय पहुंच रहे हैं।
जनपद उपाध्यक्ष मोहर सिंह पड़रिया के साथ 13 जनपद सदस्यों ने मंगलवार को कलेक्टर रविंद्र चौधरी से मिलकर अपनी समस्या से अवगत कराया। यहां बातचीत के दौरान असहमति बनने पर सभी ने कहा कि, इस प्रकार के कार्य करने से क्या फायदा। इसलिए हम सभी अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। ये कहते हुए उपाध्यक्ष समेत सभी सदस्यों ने कलेक्टर को इस्तीफा सौंप दिया है। एक साथ हुए इतने इस्तीफों ने प्रदेश में राजनीतिक भूचाल खड़ा करना शुरु कर दिया है।
बदरवास जनपद पंचायत के विधायक प्रतिनिधि कल्याण सिंह यादव का कहना है कि, जनपद की बैठक में सर्व सहमति से सभी जनपद सदस्यों को 90 लाख का बजट आवंटित किया जाना था, लेकिन पूर्व में एक करोड़ पांच लाख का कार्ययोजना बनाकर भेज दी गई, जिसे अस्वीकृत करते हुए 90 लाख की राशि के आधार पर कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए। इसी को लेकर दो साल की राशि 1 करोड़ 80 लाख लेकर 25 जनपद सदस्यों के बीच समानता के साथ आवंटित की जानी है और ये हमारा लक्ष्य क्योंकि पूर्व में जो हुआ उनसे हमें कोई लेना देना नहीं। वर्तमान में सभी सदस्यों के साथ पारदर्शिता के साथ उनके जनपद क्षेत्र में उक्त राशि को आवंटित करनी थी, जो नहीं की गई है, जिसके चलते सभी इस्तीफा दे रहे हैं।