श्रावस्ती के प्राथमिक विद्यालय चहलवा प्रथम का भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अपर सचिव धीरज साहू ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अध्यापकों की उपस्थिति, छात्रों की नियमितता, स्मार्ट क्लास संचालन और मध्यान्ह भोजन व्यवस्था का गहन मूल्यांकन किया। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता सुधार पर विशेष बल दिया।
School Inspection Smart Class Education : शिक्षा की गुणवत्ता को और सुदृढ़ बनाने तथा सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की हकीकत जानने के उद्देश्य से भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अपर सचिव एवं नीति आयोग के केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी धीरज साहू ने विकास खण्ड हरिहरपुररानी के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय चहलवा प्रथम का आकस्मिक निरीक्षण किया। उनके इस औचक निरीक्षण ने विद्यालय प्रशासन और स्थानीय शिक्षा विभाग को सतर्क कर दिया। निरीक्षण के दौरान न केवल विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों का जायजा लिया गया बल्कि सुविधाओं और व्यवस्थाओं का भी गहन मूल्यांकन किया गया।
निरीक्षण के दौरान अपर सचिव ने सबसे पहले अध्यापकों की उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि विद्यालय में नियुक्त सभी शिक्षक समय से उपस्थिति दर्ज करें और पूरी निष्ठा से कक्षाओं का संचालन करें। इसके बाद उन्होंने छात्रों की उपस्थिति की स्थिति को नामांकन के आंकड़ों से मिलाया। इस दौरान कुछ कक्षाओं में अपेक्षाकृत कम उपस्थिति पाई गई जिस पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने प्रधानाध्यापक को निर्देश दिया कि विद्यालय में पंजीकृत सभी बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा का वास्तविक लाभ तभी संभव है जब बच्चे नियमित रूप से विद्यालय आएं और पढ़ाई में सक्रिय रूप से हिस्सा लें।
धीरज साहू ने विद्यालय में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था को बारीकी से देखा। उन्होंने रसोईघर (किचन) की स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता तथा बच्चों को परोसे जा रहे भोजन की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने प्रधानाध्यापक को निर्देश दिया कि मध्यान्ह भोजन बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के अनुरूप होना चाहिए और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही, पेयजल की व्यवस्था और शौचालयों की स्थिति का भी निरीक्षण किया गया। अपर सचिव ने जोर देकर कहा कि बच्चों के लिए स्वच्छ पेयजल और स्वच्छ शौचालय उपलब्ध होना अनिवार्य है, क्योंकि यही बुनियादी सुविधाएं उनकी पढ़ाई को प्रभावी बना सकती हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि बच्चे स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई करेंगे तो उनकी शिक्षा पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
निरीक्षण के दौरान अपर सचिव धीरज साहू ने विद्यालय में संचालित स्मार्ट क्लास का विशेष अवलोकन किया। उन्होंने इंटरैक्टिव पैनल और डिजिटल सामग्री की जांच की तथा यह देखा कि किस प्रकार से शिक्षक इन उपकरणों का उपयोग पढ़ाई में कर रहे हैं। बच्चों से बातचीत कर उन्होंने यह भी जाना कि वे डिजिटल क्लास से कितना लाभान्वित हो रहे हैं। छात्रों ने बताया कि स्मार्ट क्लास की वजह से पढ़ाई अधिक रोचक और आसान हो गई है। गणित और विज्ञान जैसे कठिन विषय भी अब चित्रों, वीडियोज़ और एनिमेशन की मदद से समझने में आसान हो रहे हैं।
अपर सचिव ने स्मार्ट क्लास को अत्यंत उपयोगी बताते हुए इसके प्रभावी संचालन पर विशेष बल दिया। उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिया कि वे डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग करें और बच्चों की समझ के स्तर के अनुसार विषय सामग्री तैयार करें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में तकनीक का समुचित उपयोग शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का मुख्य आधार है और यदि प्राथमिक स्तर से ही बच्चों को तकनीक से जोड़ दिया जाए तो उनकी भविष्य की शिक्षा और करियर दोनों में लाभ मिलेगा।
विद्यालय परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र का भी अपर सचिव ने निरीक्षण किया। उन्होंने वहां की व्यवस्थाओं, पोषण आहार की उपलब्धता और बच्चों के लिए बनाई गई गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के प्रति संवेदनशील रहते हुए बेहतर कार्य करने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी केन्द्र के बीच तालमेल बेहतर होना चाहिए ताकि छोटे बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने में आसानी हो।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी, उपजिलाधिकारी भिनगा आशीष भारद्वाज, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी अजय कुमार यादव, खण्ड शिक्षा अधिकारी हरिहरपुररानी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने अपर सचिव को जिले में चल रही शिक्षा संबंधी योजनाओं की जानकारी दी और यह भरोसा दिलाया कि उनके निर्देशों का पालन प्राथमिकता से किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान स्थानीय ग्रामीण और विद्यालय के छात्रों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं। अभिभावकों ने कहा कि सरकारी स्कूलों की स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अपर सचिव के दौरे से विद्यालय की व्यवस्थाओं में और सुधार होगा। वहीं, छात्रों ने स्मार्ट क्लास के संचालन पर खुशी जाहिर की और कहा कि इससे उनकी पढ़ाई अधिक रोचक और समझने योग्य हो गई है।
इस निरीक्षण ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि भारत सरकार प्राथमिक शिक्षा को लेकर गंभीर है और इसके लिए समय-समय पर उच्च अधिकारी स्वयं मैदान में उतरकर वास्तविक स्थिति का आंकलन कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे निरीक्षण न केवल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद करते हैं बल्कि विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों को भी जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।