दीपपुरा राजाजी गांव का संदीप सुंडा होनहार व हौसलामंद था। तरक्की के सुनहरे सपने लेकर उसने सात महीने पहले रूस की राह पकड़ी थी।
धोद/सीकर। दीपपुरा राजाजी गांव का संदीप सुंडा होनहार व हौसलामंद था। तरक्की के सुनहरे सपने लेकर उसने सात महीने पहले रूस की राह पकड़ी थी। पिछले साल ही ब्याहकर घर लाई अपनी पत्नी से सिर्फ एक साल की मोहलत मांग वह भाषा की पढ़ाई के लिए हंसी-खुशी घर से विदा हुआ था। पर हालातों ने उसके हाथ में किताबों की जगह अब हथियार थमा दिए। युक्रेन के साथ हो रहे युद्ध में उसे जबरन झोंककर उसके सारे अरमानों को आंसुओं में बहाया जा रहा है। रुस-युक्रेन की गोलाबारी के बीच उसने सेना की वर्दी में परिवार को एक भावुक वीडियो भेजा है। जिसमें वह एक साथी के साथ वतन वापसी की गुहार करते दिख रहा है।
संदीप के परिजन पिछले कई दिनों से तनाव में है। कहीं से कोई खुशखबरी नहीं मिली है। जैसे ही परिजनों के पास कोई फोन आता है तो उम्मीद बंधती है लेकिन कोई खुश खबर नहीं मिलने पर मायूस हो जाते है। क्षेत्र के लोगों ने इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों को भी सूचना दी है, लेकिन कोई मदद नहीं हो सकी है।
युवक के बड़े भाई प्रभूदयाल सुंडा ने बताया कि संदीप पढ़ाई के साथ मास्को में पार्ट टाइम जॉब करने लगा। इसी दौरान एक एजेंट मोटी कमाई का झांसा देकर उसे रूस के सैनिक शिविर में ले गया। जहां कुछ दिन हथियार व अन्य प्रशिक्षण देकर उसे जंग के लिए युक्रेन के सीलिडोज शहर में भेज दिया गया। संदीप ने वीडियो सेना के शिविर से भेजा था। अपने एक साथी के साथ बनाए वीडियो में वह कह रहा है कि उन्हें ड्राइवर व कुकिंग का काम बताकर झांसे में लिया गया। अब उन्हें बोर्डर में भेज दिया जाएगा। वीडियो में वह अपनी जान को खतरा भी बता रहा है।
संदीप ने वीडियो में बताया कि बीकानेर के अजय गोदारा सहित भारत के अन्य 15-20 युवक और भी थे, लेकिन ड्रोन हमलों के बाद सब आपस मे बिछड़ गए। इधर, संदीप के भाई प्रभूदयाल ने बताया कि उसका भाई से आठ दिन से संपर्क भी टूट गया है। कोई खैर- खबर नहीं होने पर जहन में चिंता गहराने लगी है। इसको देखते हुए सांसद अमराराम व पूर्व सांसद सुमेधानन्द सरस्वती ने विदेश मंत्री को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।