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Phalodi Satta Bazar के बाद सीकर सट्टा बाजार की नई भविष्यवाणी, भाजपा-कांग्रेस को मिलने जा रही इतनी सीटें, राजस्थान में हार रहे दिग्गज

Sikar Satta Market: फलोदी सट्टा बाजार के बाद अब सीकर सट्टा बाजार ने भी देश में भाजपा की जीत की भविष्यवाणी की है। जानिए ​किसे कितनी सीटें जीतने का है अनुमान-

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May 31, 2024

Sikar Satta Market: फलोदी सट्टा बाजार की तरह सीकर सट्टा बाजार ने भी देश में भाजपा की जीत की भविष्यवाणी की है। सीकर सट्टा बाजार को उम्मीद है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में 302-305 के करीब सीटें जीत लेगी। कांग्रेस को 55 से 65 सीटें मिलने का आकलन है। शेष सीटें अन्य दलों में बंट रही है।

Lok Sabha Election Results 2024: राजस्थान में भाजपा को कितनी सीटें मिलेंगी?

राजस्थान में सीकर सट्टा बाजार ने भाजपा के करीब 19-20 सीटें जीतने का अनुमान लगाया है, जिन सीटों पर राजस्थान में भाजपा की जीत का अनुमान जताया जा रहा है, उनमें जोधपुर, राजसमंद, कोटा, झालावाड़-बारां, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, बीकानेर, पाली और अजमेर आदि शामिल हैं। वहीं कांग्रेस का दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर और बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट समेत कुछ सीटों पर जीत का अनुमान है।

हनुमान बेनीवाल की जीत का अनुमान

सट्टा बाजार नागौर सीट पर हनुमान बेनीवाल और सीकर सीट पर अमराराम की जीत का संकेत दे रहा है। सीकर और नागौर में कांग्रेस ने खुद परहेज कर माकपा के कॉमरेड अमराराम और RLP हनुमान बेनीवाल पर किला जीतने की जिम्मेदारी डाली है। 2019 और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राजस्थान की सभी 25 सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी।

अगर सीकर सट्टा बाजार के अनुमान स​ही निकलते हैं तो यह राजस्थान भाजपा के लिए झटका होगा, क्योंकि पार्टी यहां हैट्रिक का दावा कर रही है। वहीं सीकर सट्टा बाजार के अनुमान में बाड़मेर-जैसलमेर सीट से ​निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी की जीत मुश्किल बताई जा रही है। ऐसे में इस बाजार के अनुमानों में प्रदेश में कई दिग्गजों की हार होती नजर आ रही है।

कैसे तय होते हैं भाव

भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में 400 सीटें जीतने का दावा किया है। हालां​कि सट्टा बाजार के आकलन और भाजपा के दावे का पता 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम के दिन ही पता चलेगा। सट्टा बाजाार में सीटों को लेकर होने वाले सौदों का अपना गणित है। राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों की जीत के भाव अलग-अलग कारणों के चलते बदलते रहते हैं। चुनाव में हार-जीत के आकलन का प्रत्याशी का चेहरा, समर्थकों की चुनावी सभा में भीड़ व जातीय सहयोग, वोटिंग प्रतिशत के साथ पार्टी के ओहदे को ध्यान में रखते हुए भाव तय किए जाते हैं।

Updated on:
31 May 2024 12:10 pm
Published on:
31 May 2024 12:01 pm
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