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झोपड़ी से कोठी-ऑडी तक, राजस्थान के गांव में रहने वाला रामलाल चंडीगढ़ में ऐसे बना 150 करोड़ का मालिक, अब ED ने खोला राज

Ram Lal ED Case News: शुरुआती दिनों में वह राम दरबार की करसन कॉलोनी की झुग्गियों में रहने लगा और फल-फ्रूट की रेहड़ी लगाकर गुजारा करता था।

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सीकर

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Jayant Sharma

Dec 30, 2025

Ram Lal ED Case Photo

Ram lal150 Crore Money Laundering Case: राजस्थान के सीकर जिले में स्थित गांव में झोपड़ी में रहने वाले युवक को चंडीगढ़ में आय से कई गुना सम्पत्ति के रखने के मामले में ईडी ने केस दर्ज किया है और उसके खिलाफ जार्चशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट दाखिल करने के बाद जब ईडी ने उसके केस में परतें उठाना शुरू किया तो अफसर भी दंग रह गए।

राजस्थान के सीकर जिले से चंडीगढ़ आकर झुग्गी बस्ती में रहने वाला रामलाल कैसे फर्श से अर्श तक पहुंचा और फिर अपराधों के जाल में उलझता चला गया, इसकी परतें अब पुलिस जांच और ईडी की कार्रवाई में सामने आ रही हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार रामलाल ने करीब 150 करोड़ रुपये की संपत्ति खड़ी की और पुलिस-प्रशासन तक ऐसी पकड़ बना ली कि उसके एक फोन पर डीएसपी स्तर तक के अफसरों के ट्रांसफर की चर्चा होने लगी।

रामलाल मूल रूप से राजस्थान के सीकर जिले का रहने वाला है। वर्ष 1976 में महज 19 साल की उम्र में वह एक बैग लेकर चंडीगढ़ पहुंचा था। पढ़ाई सिर्फ तीसरी कक्षा तक ही की थी। शुरुआती दिनों में वह राम दरबार की करसन कॉलोनी की झुग्गियों में रहने लगा और फल-फ्रूट की रेहड़ी लगाकर गुजारा करता था। इसी दौरान उसने रेहड़ी पर आने वाले नेताओं, अफसरों और प्रभावशाली लोगों से पहचान बनानी शुरू की, जो आगे चलकर उसकी ताकत बन गई।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक नेताओं से नजदीकियों के चलते रामलाल झुग्गी डलवाने जैसे कामों में भी शामिल हो गया। वर्ष 1996 में जब करसन कॉलोनी की झुग्गियां हटाई गईं, तब रामलाल को भी सेक्टर.52 में पक्का मकान अलॉट हुआ। इसके बाद उसकी पहुंच और मजबूत होती चली गई। नेताओं की सिफारिश पर उसे सेक्टर47 में राशन डिपो मिला, जिससे उसकी आय में तेजी आई। यहीं से उसने फाइनेंस का काम शुरू किया और धीरे.धीरे प्रॉपर्टी डीलिंग में भी कदम रख दिया।

फाइनेंस और प्रॉपर्टी के कारोबार ने उसकी किस्मत बदल दी। वह बिल्डिंग मटीरियल सप्लाई, रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स और ईंट सप्लाई जैसे धंधों से जुड़ गया। बढ़ती कमाई के साथ उसने चंडीगढ़ के सेक्टर.46 में एक आलीशान कोठी खरीदी और लग्जरी कारों, ऑडी और मर्सिडीज में घूमने लगा। झुग्गी से कोठी तक का यह सफर उसे शहर में चर्चा का विषय बना गया।

हालांकि पैसा और रसूख बढ़ने के साथ ही रामलाल पर आपराधिक मामलों की परछाई भी गहराने लगी। वर्ष 2000 से लेकर 2014 के बीच उस पर हत्या के प्रयास दुष्कर्म, धोखाधड़ी, एनडीपीएस और हत्या जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हुए। कई मामलों में वह बरी हुआ, लेकिन आरोपों की लंबी सूची बनी रही। गुरुग्राम के कारोबारी से 5 करोड़ और रेवाड़ी के रिटायर्ड अधिकारी से 6 करोड़ की ठगी के मामलों ने उसकी मुश्किलें और बढ़ा दीं।

इन मामलों के सामने आने के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की। करीब तीन साल की जांच के बाद ईडी ने रामलाल और उसके बेटे अमित कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। कोर्ट ने दोनों को नोटिस जारी कर 6 फरवरी को अगली सुनवाई तय की है। अब झुग्गी से करोड़पति बने रामलाल की कहानी अदालत के फैसले पर टिकी है।