Rajasthan News: आगामी नगर निकायों के चुनावों को देखते हुए सरकार ने नगर निकायों की सीमा के बाद अब वार्डों के परिसीमन की तैयारी कर ली है।
Sikar News: सीकर। आगामी नगर निकायों के चुनावों को देखते हुए सरकार ने नगर निकायों की सीमा के बाद अब वार्डों के परिसीमन की तैयारी कर ली है। खास बात यह है कि वार्ड की संख्या में चुनाव से पहले बदलाव नहीं होगा। विभाग की ओर से वार्ड की सीमाओं में बदलाव के साथ सियासी समीकरण भी बदलने की तैयारी है।
जिला निर्वाचन अधिकारी मुकुल शर्मा ने बताया कि नगरपरिषद् व नगर पालिका में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर जिले के सभी नगरीय निकायों के वार्डों का परिसीमन होना है। वार्डों के परिसीमन बाद प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाए जाएंगे। राज्य सरकार की मुहर के बाद वार्ड का गठन होगा। अधिसूचना की पालना में जिले के सभी नगरीय निकायों के समस्त वाडों के प्रस्ताव तैयार किए हैं। इनके सीमांकन का वार्डवार जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय, संबधित उपखण्ड अधिकारी कार्यालय, संबधित नगरीय निकाय कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किए है।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलक्टर ने बताया कि जिले के सभी नगरीय निकाय (नगरपरिषद, नगरपालिका) के वार्डो का प्रारूप प्रकाशन किया है। नवगठित वार्डों के पुनर्गठन एवं परिसीमन से संबधित किसी व्यक्ति को कोई आपत्ति हो तो 17 अप्रेल तक लिखित में आपत्ति दर्ज करा सकता है। इसके बाद किसी भी आपत्ति पर विचार नहीं होगा।
सीकर, नीमकाथाना, लोसल, लक्ष्मणगढ़, श्रीमाधोपुर, फतेहपुर व खंडेला में आबादी विस्तार हुआ है। जबकि खाटूश्यामजी, रींगस व रामगढ़-शेखावाटी में आबादी विस्तार नहीं किया गया है।
स्वायत्त शासन विभाग ने वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर वार्ड का परिसीमन होना है। विभाग के पास जनसंख्या के नए आंकड़े भी नहीं है। इसलिए विभाग की ओर से आबादी विस्तार को ध्यान में रखकर वार्ड की सीमाओं में बदलाव ही किया गया है। सूत्रों की माने तो आगामी चुनाव पुरानी वार्ड संख्या के आधार पर होने है।
कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले सीकर जिले की नगर निकायों में जातीय गणित के आधार पर कुछ वार्ड की सीमाओं में बदलाव हुआ है। इससे मुस्लिम वार्ड की संख्या में कमी होने के भी आसार है। नगर निकाय की सीमाओं में फेरबदल से सियासी दलों के आगामी चुनावी समीकरण में बदलाव होना तय है।
सीकर नगर परिषद के निवृतमान सभापति जीवण खां ने कहा कि सरकार की ओर से तानाशाही तरीके से शहर की सीमाओं में विस्तार कर दिया। अब वार्ड की सीमाओं में बदलाव की तैयारी है। यदि वार्ड की सीमाओं में जानबूझकर राजनीति करने की कोशिश की गई तो आपत्ति लगाकर जनता के साथ मिलकर आवाज उठाने का काम करेंगे।
वहीं पूर्व विधायक रतन जलधारी ने कहा कि स्वायत्त शासन विभाग की ओर से नियमों के आधार पर वार्ड का परिसीमन किया गया है। आबादी विस्तार से शिक्षानगरी की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो सकेगी। सीकर नगर परिषद क्षेत्र में फिलहाल 65 ही वार्ड रखने की संभावना है। पिछली सरकार ने गलत तरीके से वार्ड का गठन करने का काम किया।
नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा, निकायों का परिसीमन नियमानुसार हुआ है, अगर किसी को आपत्ति है तो वह दर्ज करा सकता है। आपत्ति दर्ज करने का अधिकार सिर्फ कांग्रेस के पास ही नहीं बल्कि उस क्षेत्र में रहने वाले हर नागरिक के पास है। नवम्बर में एक साथ निकाय चुनाव करवाए जाएंगे। सितम्बर तक मतदाता सूची का काम पूरा होगा।