Sikar News: एक्सपर्ट का कहना है कि फिलहाल चंदपुरा रोड पर यातायात का इतना प्रेशर भी नहीं है और भविष्य में रिंग रोड भी बननी है। ऐसे में चंदपुरा रोड पर फिलहाल ओवरब्रिज नहीं बनाना चाहिए।
शिक्षानगरी सीकर में बढ़ती जाम की समस्या को देखते हुए सरकार ने जयपुर की तर्ज पर रिंग रोड बनाने का विजन दिखाया है। वहीं सरकार ने जयपुर-बीकानेर बाइपास को भी फोरलेन करने की तैयारी कर ली है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से लेकर राज्य सरकार के कई मंत्री इस प्रोजेक्ट की पिछले एक साल में दो बार घोषणा कर चुके है, लेकिन अभी तक काम धरातल पर नहीं आया है। इस मार्ग पर पांच स्थानों पर पुलिया भी बनना तय है।
इसमें सांवली चौराहा, नानी बाइपास, पालवास रोड व धोद रोड व चंदपुरा चौराहा शामिल है। सड़क इंजीनियरिंग से जुड़े एक्सपर्ट ने चंदपुरा रोड पर बनने वाले ओवरब्रिज को लेकर सवाल उठाए हैं। शहरवासियों का कहना है कि फिलहाल चंदपुरा रोड पर यातायात का इतना प्रेशर भी नहीं है और भविष्य में रिंग रोड भी बननी है। ऐसे में चंदपुरा रोड पर फिलहाल ओवरब्रिज नहीं बनाना चाहिए। यहां पुलिया बनने से इलाके के लोगों की चुनौती और ज्यादा बढ़ सकती है।
रामू का बास तिराहे से भढाडर तक सड़क फोरलेन होनी है। इस जोन में नानी से लेकर भढाडर तक बिना बारिश के ही काफी जलभराव रहता है। प्रशासन की ओर से लगभग 350 करोड़ रुपए की पानी निकासी के लिए डीपीआर भी तैयार करवा ली गई, लेकिन अभी तक पानी निकासी के प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिली है।
बाइपास के फोरलेन होने की प्रस्तावित डीपीआर में चंदपुरा में भी पुलिया निर्माण तय माना जा रहा है। फिलहाल शहरा में रोडवेज व निजी बसों की एन्ट्री का मार्ग भी यही है। एक्सपर्ट का कहना है कि चंदपुरा चौराहे पर भी यदि पुलिया का निर्माण होता है तो बसों को जयपुर रोड से शहर में आना पड़ेगा।
इससे शहर में जाम की समस्या और बढ़ेगी। चंदपुरा रोड पर फिलहाल महज कुछ गांवों के ही यातायात का प्रेशर है। यहां पुलिया निर्माण नहीं होने से सरकार को सीधे तौर पर राजस्व का फायदा हो सकेगा। एक्सपर्ट का कहना है कि रिंग रोड की डीपीआर के बाद ही सरकार को कोई फैसला लेना चाहिए, जिससे लोगों को नुकसान नहीं उठाना पड़े।
मेडिकल कॉलेज के साथ बाइपास इलाके में लगातार नई बसावट होने की वजह से सांवली सर्किल पर यातायात का लगातार दवाब बढ़ रहा है। यह मार्ग सीकर शहर के निवासियों को अजमेर रोड से भी जोड़ता है। सांवली चौराहे के पूरी तरह आवासीय व व्यावसायिक जोन में आने की वजह से यहां हादसे होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में यहां पुलिया निर्माण की सबसे ज्यादा आवश्यकता है।
सालासर जाने वाले भक्तों की वजह से इस मार्ग पर लगातार यातायात बढ़ रहा है। इसके अलावा हाइवे होने के कारण यहां भी दिनभर जाम के हालात बने रहते है। कई बार बड़े सड़क हादसे हो चुके है। सालों से यहां पुलिया की कमी महसूस की जा रही है। अब पुलिया का निर्माण शुरू होता है तो लोगों को काफी राहत मिलेगी।
धोद रोड व पालवास रोड से कई गांव-ढाणी के लोग सीकर शहर में प्रवेश करते हैं। इसके अलावा नागौर व जोधपुर के वाहनों का भी दोनों मार्ग पर प्रेशर है। पुलिया नहीं होने से यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। यहां पुलिया बनने पर बाइपास जोन में होने वाले हादसों में कमी आ सकेगी।
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रामू का बास से भढ़ाडर तक फोरलेन काफी पहले हो जाना चाहिए था। क्योंकि शिक्षानगरी के मास्टर प्लान में भी इसकी परिकल्पना की थी। यह मार्ग फोरलेन होने से बाइपास इलाके में लगने वाले जाम से शहरवासियों को राहत मिल सकेगी। इस मार्ग को फोरलेन करने से पहले सरकार को पानी निकासी के इंतजाम करने चाहिए, जिससे लोगों को पूरी राहत मिल सके। चंदपुरा चौराहे पर भी पुलिया बनाने की कोई उपयोगिता फिलहाल नजर नहीं आ रही है। पहले निर्माण एजेंसी को रिंग रोड को डिजायन करने वाली एजेंसी से भी बातचीत करनी चाहिए जिससे भविष्य में लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।