सीकर

शेखावाटी ने देश को सर्वाधिक सैनिक दिए, यहां मां अपने बच्चों को लोरी की जगह युद्ध कथाएं सुनाती हैं : राज्यपाल

अंग्रेजों ने धीरे-धीरे भारतीयों के कुटीर उद्याेगों समाप्त कर उनका रोजगार छीना

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Sep 06, 2025

सीकर. पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर में आयोजित दीक्षारंभ समारोह में गुरुवार को राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि शेखावाटी वीरों की धरती है, देश को सर्वाधिक सैनिक इसी सरजमीं ने दिए हैं। यहां मां अपने बच्चों को लोरी की जगह युद्ध कथाएं सुनाई जाती है। उन्होंने सैनिकों, वीरांगनाओं और उनके माता-पिता को शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति हमारी प्राचीन गुरुकुल शिक्षा पद्धति पर आधारित हैं, जिसमें बच्चों को आयुर्वेद, इंजीनियरिंग, स्थानीय लोक कला, संस्कृति, सभ्यता, भाषा सहित सभी का ज्ञान ग्रहण करवाया जाएगा। महात्मा गांधी ने अहमदाबाद में कहा था कि अंग्रेजों ने धीरे-धीरे भारतीयों के कुटीर उद्याेगों समाप्त कर उनका रोजगार छीना। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में स्थित मीडिया लैब और कम्युनिटी रेडियो शेखावाटी 91.2 का लोकार्पण भी किया।

न्यूटन के गुरत्वाकर्षण का आविष्कार भास्कराचार्य ने कर दिया था-

उन्होंने कहा कि न्यूटन के पहले भी गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज हो चुकी थी। एक विद्वान कॉपरनिक्स थे, उन्होंने गुरुत्वाकर्षण की खोज की थी। वह विद्वान भास्कराचार्य थे। भास्कराचार्य ने एक किताब लिखी थी निलावंती। उनकी बेटी निलावंती अपने पिता से पूछती थी कि पापा आप कहते हो, सूर्य के पृथ्वी चक्कर लगाती है। पृथ्वी के बाजू चंद्रमा घूमता है। फिर यह नीचे गिरते क्यों नहीं। ऐसे में भास्कराचार्य ने जवाब दिया कि यह एक दूसरे को आकर्षित करते हैं, इसलिए नीचे नहीं गिरते। यह उन्होंने 1150 में लिखा जबकि 1629 में न्यूटन का नियम लागू हुआ था।

लार्ड मैकाले ने हमारी गुरुकुल शिक्षा पद्धति को समाप्त किया-

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने बताया कि लार्ड मैकाले ने 1835 में शिक्षा नीति से लागू की, जिससे भारत की पुरातन गुरुकुल शिक्षा पद्धति का धीरे-धीरे हा्स हुआ और हमारी बौद्धिक क्षमता धीरे-धीरे कम होती गई। विद्यार्थी अहंकार छोड़कर अर्जुन की तरह एकाग्रता और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें। विद्यार्थियों में एकाग्रता और अभ्यास की आदत बन जाए तो सफलता निश्चित है। बागडे ने विद्यार्थियों से इच्छा शक्ति और संयम के साथ अपने सपनों को साकार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अहंकार को दिमाग में मत आने दो, क्योंकि रावण का भी अहंकार व अभिमान के चलते ही दमन हुआ था।

छात्र लें जिम्मेदार नागरिक बनने का संकल्प-

शेखावाटी वि​वि के कुलगुरु प्रो. डॉ. अनिल कुमार राय ने अतिथियों को स्वागत करते हुए कहा कि दीक्षारंभ जैसे आयोजन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी होते हैं। यह केवल प्रवेश की शुरुआत नहीं, बल्कि जिम्मेदार नागरिक बनने का संकल्प है। इस दौरान सारस्वत अतिथि अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. बालमुकुंद पाण्डेय और र्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा के पूर्व कुलगुरु प्रो. डॉ. कैलाश सोडाणी ने भी संबोधित किया। कुलसचिव श्वेता यादव ने धन्यवाद व्यक्त किया।

Published on:
06 Sept 2025 11:11 pm
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