Khatushyamji: सीकर के बाबा खाटूश्यामजी मंदिर में चंद्रग्रहण और तिलक कार्यक्रम के कारण 6 सितंबर रात 10 बजे से 8 सितंबर शाम 5 बजे तक दर्शन बंद रहेंगे। अब श्रद्धालु इत्र और कांटेदार गुलाब भी चढ़ा नहीं सकेंगे। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
Khatushyamji: सीकर जिले के प्रसिद्ध बाबा खाटूश्यामजी मंदिर में हर साल देशभर से करोड़ों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। एकादशी, द्वादशी और वीकेंड पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। लेकिन इस बार वीकेंड पर श्रद्धालुओं को निराशा झेलनी पड़ेगी, क्योंकि मंदिर 43 घंटे तक बंद रहेगा।
मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया, 6 सितंबर की रात 10 बजे से मंदिर में दर्शन बंद हो जाएंगे और 8 सितंबर की शाम 5 बजे से दोबारा शुरू होंगे। इस दौरान किसी भी श्रद्धालु को मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा।
दरअसल, हर अमावस्या के बाद बाबा का स्नान और तिलक होता है। इस वजह से मंदिर लगभग 18-19 घंटे बंद रखा जाता है। लेकिन इस बार चंद्रग्रहण और तिलक कार्यक्रम एक साथ होने के कारण बंदी का समय बढ़कर 43 घंटे का हो गया है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब बाबा खाटूश्यामजी को इत्र की शीशी और कांटेदार गुलाब चढ़ाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
भक्त अक्सर लाइन से ही मूर्ति की ओर छोटी-छोटी इत्र की शीशियां और कांटेदार गुलाब फेंक देते थे। इससे कई बार वहां मौजूद कर्मचारियों और श्रद्धालुओं को चोट लग जाती थी। बुधवार को भी एक युवती के पैर में मंदिर परिसर में कांच का टुकड़ा चुभ गया था, जिससे उसका पैर लहूलुहान हो गया।
पहले से ही कांच की शीशियों में इत्र बेचने पर रोक लगी हुई थी, लेकिन कई दुकानदार नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। बुधवार को सीकर जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा और पुलिस अधीक्षक प्रवीण नायक ने मंदिर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने आदेश दिए कि जो भी दुकानदार कांच की इत्र की शीशियां या कांटेदार गुलाब बेचते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन का कहना है कि मंदिर में हर साल लाखों लोग आते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा गया है। कलेक्टर ने उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और नगर पालिका प्रशासन को साफ निर्देश दिए हैं कि ऐसे दुकानदारों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।